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यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के लिए प्रासंगिक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विकास पर समय-समय पर तैयार किए गए लेख और अपडेट।

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ESC

एक अध्ययन के अनुसार, पिछली सदी में टुंड्रा क्षेत्र में हुई वनाग्नि की घटनाएं पिछले 3,000 वर्षों की तुलना में सबसे अधिक सक्रिय रही हैं। 

टुंड्रा बायोम के बारे में:

  • अवस्थिति:
    • आर्कटिक क्षेत्र: यह 60° से 70° उत्तरी अक्षांश के बीच स्थित है। यह उत्तरी अमेरिका, यूरोप और एशिया के उत्तरी भागों में फैला हुआ है। अंटार्कटिक टुंड्रा, अंटार्कटिक प्रायद्वीप पर पाया जाता है।
    • अल्पाइन टुंड्रा: यह संपूर्ण विश्व में ऊंचे पहाड़ों की चोटियों पर वृक्ष रेखा के ऊपर (2400 मीटर से 1000 मीटर के बीच) पाया जाता है।
  • विशेषताएं:
    • यहां का वातावरण अत्यंत कठोर होता है। यहां निम्न वर्षा (25 सेंटीमीटर से कम) होती है तथा मृदा में पोषक तत्वों की कमी पाई जाती है।
    • ये क्षेत्र मुख्य रूप से वृक्षहीन होते हैं।
  • वनस्पति और जीव:
    • वनस्पति: काई (mosses), लाइकेन (lichens), घास, सेज (sedges) और छोटी झाड़ियां।
    • जीव: आर्कटिक लोमड़ी, कैरिबू, कस्तूरी बैल, लेमिंग, ध्रुवीय भालू आदि।

गृह मंत्रालय द्वारा 'निर्धन कैदियों को सहायता' योजना के लिए संशोधित दिशा-निर्देश और मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी की गई।

निर्धन कैदियों को सहायता योजना, 2023 के बारे में:

  • उद्देश्य: उन गरीब कैदियों या विचाराधीन कैदियों की रिहाई को सक्षम बनाना, जो जुर्माना भरने या जमानत के लिए राशि देने में असमर्थ हैं। साथ ही, जेलों में भीड़-भाड़ को कम करना भी इसका उद्देश्य है। 
  • नोडल एजेंसी: राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB)।
  • संस्थागत तंत्र:
    • जिला स्तरीय अधिकार प्राप्त समिति: यह कैदियों की पात्रता की जांच करती है; जमानत/ जुर्माने के लिए वित्तीय सहायता की आवश्यकता का आकलन करती है और धनराशि जारी करने की सिफारिश करती है।
    • राज्य स्तरीय निगरानी समिति। 
  • अपवर्जन/ अपवाद: यह योजना निम्नलिखित अधिनियमों के तहत अपराधों पर लागू नहीं होगी:
    • भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम;
    • धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA); 
    • नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (NDPS) अधिनियम; तथा 
    • गैर-कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA)।
  • निम्नलिखित जघन्य अपराधों को भी बाहर रखा गया है:
    • आतंकवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े अपराध;
    • दहेज हत्या, बलात्कार, मानव तस्करी और लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम (पोक्सो/ POCSO) अधिनियम के तहत आने वाले अपराध।
  • यदि जुर्माना न भर पाने के कारण किसी कैदी की रिहाई रुकी हुई है, तो जेल अधीक्षक को 1 सप्ताह के भीतर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (DLSA) को सूचित करना होगा।

IN-SPACe ने भारत की चुनिंदा शैक्षणिक संस्थाओं में अंतरिक्ष प्रयोगशाला स्थापित करने के लिए 'प्रस्ताव हेतु अनुरोध' (Request for Proposal) जारी किया।

भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (IN-SPACe) के बारे में:

  • स्थापना: इसकी स्थापना वर्ष 2020 में की गई थी।
  • स्वायत्त एजेंसी: यह अंतरिक्ष विभाग में एक स्वायत्त एजेंसी के रूप में कार्य करती है। यह सिंगल विंडो, स्वतंत्र और नोडल एजेंसी है।
  • उद्देश्य: भारत की अंतरिक्ष संबंधी गतिविधियों में निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ाने और सुविधाजनक बनाने के लिए अंतरिक्ष क्षेत्रक में सुधार करना।
  • कार्य: यह गैर-सरकारी एजेंसियों की अलग-अलग अंतरिक्ष संबंधी गतिविधियों को बढ़ावा देने, सहायता करने, अधिकृत करने और निगरानी के लिए जिम्मेदार है।
    • यह एजेंसी इसरो और गैर-सरकारी संस्थाओं (NGEs) के बीच एक इंटरफेस या माध्यम के रूप में कार्य करती है।

जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने एक पल्सर की परिक्रमा करता हुआ नींबू-आकार का अनोखा पिंड (ग्रह) खोजा है। 

पल्सर के बारे में

  • यह अत्यंत तीव्र गति से घूर्णन करने वाला न्यूट्रॉन तारा (स्टार) है।  यह अपने चुंबकीय ध्रुवों से विद्युतचुंबकीय विकिरण (मुख्यतः रेडियो तरंगें) पुंज उत्सर्जित करता है।
    • पल्सर सामान्यतः किसी विशाल तारे के सुपरनोवा विस्फोट के बाद बनते हैं।
  • घूर्णन गति: ये प्रति सेकंड दर्जनों से लेकर सैकड़ों बार तक घूर्णन कर सकते हैं।
  • ब्रह्मांडीय घड़ियां: अत्यधिक स्थिर घूर्णन के कारण पल्सर को अत्यंत सटीक प्राकृतिक समय-निर्धारक (कॉस्मिक क्लॉक) माना जाता है।
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वर्तमान में भारत में 47 डॉप्लर मौसम रडार (DWR) संचालित हैं। इनके माध्यम से देश के कुल क्षेत्रफल का लगभग 87% हिस्सा रडार के प्रभाव में आ चुका है।

डॉप्लर मौसम रडार (DWR) के बारे में

  • ये ज़मीन पर स्थापित रडार प्रणालियां हैं। इनका उपयोग मौसम विज्ञान संगठन वर्षा, तड़ितझंझा, चक्रवात आदि का पूर्वानुमान लगाने के लिए करते हैं।
  • ये रडार लक्षित मौसम प्रणाली की स्थिति (पोजीशन) के साथ-साथ उनकी गति के बारे में भी जानकारी प्रदान करते हैं।
  • भारत में भारत मौसम -विज्ञान विभाग (IMD) द्वारा विभिन्न आवृत्तियों वाले (S-बैंड, C-बैंड और X-बैंडडॉप्लर मौसम रडार का सामान्य रूप से उपयोग किया जाता है।

डॉप्लर मौसम रडार कैसे कार्य करते हैं?

  • ये डॉप्लर प्रभाव के आधार पर कार्य करते हैं। डॉप्लर प्रभाव के अनुसार, जब तरंग का स्रोत गतिशील होता है तो उसकी आवृत्ति में परिवर्तन होता है।
  • रडार एंटीना से रेडियो तरंगें उत्सर्जित करता है। जब ये तरंगें वायुमंडलीय कणों (जैसे वर्षा की बूँदें, बर्फ़, ओले) से टकराती हैं, तो ऊर्जा का एक भाग वापस परावर्तित हो जाता है।
  • संकेत के वापस आने में लगा समय रडार केंद्र से वर्षा की दूरी और तीव्रता निर्धारित करने में सहायक होता है।
  • बड़े कण अधिक ऊर्जा परावर्तित करते हैं, जिससे वर्षा की तीव्रता का अनुमान लगाया जा सकता है।

उच्चतम न्यायालय ने बाल तस्करी के मामलों में पीड़ितों के साक्ष्य के मूल्यांकन के लिए दिशा-निर्देश निर्धारित किए।

  • न्यायालय ने टिप्पणी की कि भारत में बाल तस्करी और बच्चों का व्यावसायिक यौन शोषण एक "अत्यधिक विचलित करने वाली वास्तविकता" है।

पीड़ितों के साक्ष्य के मूल्यांकन के लिए दिशा-निर्देश:

  • पीड़ित की सुभेद्यता: न्यायिक जांच के दौरान बाल पीड़ितों की सामाजिक-आर्थिक और सांस्कृतिक सुभेद्यता को पहचानना अनिवार्य है।
  • गवाही में गौण विसंगतियां: तस्करी के पीड़ित बच्चे की गवाही में मामूली विसंगतियों के कारण उसके साक्ष्य को खारिज नहीं किया जाएगा।
  • एकल गवाही: यदि पीड़ित की गवाही विश्वसनीय और ठोस है, तो सजा के लिए केवल उसकी गवाही ही पर्याप्त होगी। 
  • घटना की स्मृति में पुन: पीड़ित होना: शोषण की घटनाओं को बार-बार याद करना मनोवैज्ञानिक आघात, हीन भावना और प्रतिशोध के भय का कारण बनता है। न्यायिक मूल्यांकन में संवेदनशीलता और यथार्थवाद दृष्टिगोचर होना चाहिए। 
  • तस्करी का पीड़ित बालक: ऐसे बच्चे के साथ उसे कोई 'सह-अपराधी' (accomplice) नहीं, बल्कि एक "पीड़ित गवाह" (injured witness) मानकर व्यवहार किया जाना चाहिए, जो उचित सम्मान और विश्वास का पात्र है।

जहाजों और पत्तन सुविधाओं की सुरक्षा के लिए एक समर्पित निकाय, पत्तन सुरक्षा ब्यूरो (Bureau of Port Security: BoPS) का गठन किया जाएगा।

पत्तन सुरक्षा ब्यूरो (BoPS) के बारे में:

  • वैधानिक निकाय: इसका गठन 'मर्चेंट शिपिंग अधिनियम, 2025' की धारा 13 के प्रावधानों के तहत एक वैधानिक निकाय के रूप में किया जाएगा।
    • इसे नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) की तर्ज पर तैयार किया जा रहा है।
  • उद्देश्य: यह जहाजों और पत्तन सुविधाओं की सुरक्षा से संबंधित विनियामक एवं निरीक्षण कार्यों के लिए जिम्मेदार होगा।
  • प्रमुख कार्य: यह सुरक्षा संबंधी सूचनाओं के समय पर विश्लेषण, संग्रहण और आदान-प्रदान को सुनिश्चित करेगा, जिसमें साइबर सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
  • मंत्रालय: यह पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के तत्वावधान में कार्य करेगा।
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