यह रिपोर्ट भारत में बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) परिदृश्य से जुड़े प्रमुख रुझानों को प्रस्तुत करती है।
रिपोर्ट के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर
- भारत में IPR आवेदन की स्थिति: भारत में बौद्धिक संपदा अधिकार की प्राप्ति हेतु रिकॉर्ड संख्या में आवेदन किए गए। कुल IPR आवेदनों की संख्या लगभग 7.5 लाख तक पहुँच गई, जो 20% की वार्षिक वृद्धि दर्शाती है।
- IPR आवेदनों में ट्रेडमार्क हेतु आवेदनों की संख्या सबसे अधिक रही। ट्रेडमार्क के लिए 5.5 लाख से अधिक आवेदन दाखिल किए गए।
- पेटेंट के लिए आवेदन: इनकी संख्या 1.10 लाख से अधिक रही। इनमें निवासी भारतीयों (Indian residents) के आवेदनों की हिस्सेदारी 61.9% से अधिक रही। यह नवाचार और अनुसंधान एवं विकास (R&D) में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते रुझान का संकेत है।
- IPR की अन्य श्रेणियां: ट्रेडमार्क के अलावा डिजाइन, कॉपीराइट और भौगोलिक संकेतक (GI) के लिए आवेदनों की संख्या में भी वृद्धि दर्ज की गई।
बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) के बारे में
- परिभाषा: बौद्धिक संपदा अधिकार ऐसे अधिकार हैं जो व्यक्तियों को उनके मस्तिष्क के रचनात्मक कार्यों की विधिक सुरक्षा के लिए प्रदान किए जाते हैं। इससे उन्हें एक निश्चित अवधि तक उस रचनात्मक कृति पर अनन्य (एक्सक्लूसिव) अधिकार प्राप्त होता है।
- IPR के प्रकार: IPR नीतिगत प्रबंधन (IPRPM) ढांचे के अंतर्गत निम्नलिखित 8 प्रकार के बौद्धिक संपदा अधिकार शामिल हैं:
- (i) पेटेंट, (ii) ट्रेडमार्क, (iii) औद्योगिक डिज़ाइन, (iv) कॉपीराइट, (v) भौगोलिक संकेतक, (vi) सेमीकंडक्टर इंटीग्रेटेड सर्किट लेआउट डिज़ाइन, (vii) व्यापार के रहस्य (ट्रेड सीक्रेट), और (viii) पौध किस्म (Plant variety)।
- IPR का प्रशासन: भारत में IPR का प्रशासन पेटेंट, डिजाइन एवं ट्रेडमार्क महानियंत्रक (CGPDTM) के कार्यालय द्वारा किया जाता है। यह संगठन केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) के अंतर्गत कार्य करता है।
- हालांकि कुछ बौद्धिक संपदा अधिकारों का प्रशासन कई अन्य मंत्रालयों द्वारा किया जाता है। जैसे कि पौध किस्म (Plant variety) से संबंधित IPR का प्रशासन केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अधीन है।
बौद्धिक संपदा कार्यों को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदम
|