वित्त वर्ष 2014-15 और वित्त वर्ष 2024-25 के बीच मनरेगा के तहत 3,029 करोड़ कार्य-दिवस सृजित किए गए थे। यह पिछले दशक की तुलना में 82% की वृद्धि को दर्शाता है।
- सक्रिय मनरेगा श्रमिकों में से 99.49% का आधार सीडिंग का कार्य भी पूरा हो चुका है।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के बारे में
- मनरेगा: महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, 2005 के तहत मनरेगा योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
- उद्देश्य: प्रत्येक ग्रामीण परिवार को, जिसके वयस्क सदस्य अकुशल शारीरिक कार्य करने के लिए स्वेच्छा से तैयार हों, एक वित्तीय वर्ष में कम-से-कम 100 दिन का गारंटीकृत मजदूरी सहित रोजगार उपलब्ध कराना।
- लाभार्थी: ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले 18 वर्ष से अधिक आयु के परिवार के सभी सदस्य।
- कवरेज: 100% शहरी आबादी वाले जिलों को छोड़कर संपूर्ण देश।
- मजदूरी की दरें: अलग-अलग राज्यों में मजदूरी दरें अलग-अलग हैं।
- मनरेगा के तहत मजदूरी दरें उपभोक्ता मूल्य सूचकांक-कृषि श्रमिक (CPI-AL) में होने वाले परिवर्तन के आधार पर तय की जाती हैं। CPI-AL ग्रामीण क्षेत्रों में मुद्रास्फीति को दर्शाता है।
मनरेगा के तहत हासिल उपलब्धियां
- महिलाओं की भागीदारी में वृद्धि: यह वित्त वर्ष 2013-14 में 48% से बढ़कर चालू वित्त वर्ष में 58% से अधिक हो गई है।
- जल-संकटग्रस्त ग्रामीण ब्लॉक्स की संख्या में कमी: इनकी संख्या 1456 तक हो गई है, जो पिछले दशक में 2264 थी। यह 35% की कमी को दर्शाता है।
- व्यक्तिगत परिसंपत्तियों के सृजन में वृद्धि: यह वित्त वर्ष 2013-14 के 17.6% से बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में 56.99% तक हो गई है।
- अमृत सरोवर: प्रथम चरण में देश भर में 68,000 से अधिक अमृत सरोवरों का निर्माण किया गया है।