भारत में एयर कंडीशनर तापमान विनियमन
केंद्रीय विद्युत मंत्रालय भारत में नए एयर कंडीशनर (ACs) के तापमान की सीमा को 20 डिग्री से 28 डिग्री सेल्सियस के बीच सीमित करने के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है। यह संभावित प्रतिबंध घरों, होटलों और कारों में इस्तेमाल होने वाले ACs पर लागू होगा। हालाँकि, अभी तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है, लेकिन मंत्रालय ऊर्जा दक्षता और सार्वजनिक स्वास्थ्य को बढ़ाने के लिए इस विकल्प पर विचार कर रहा है।
पृष्ठभूमि और पिछली पहलें
- वर्ष 2018 और 2021 में, आर.के. सिंह के नेतृत्व में मंत्रालय ने ऊर्जा दक्षता और स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से इष्टतम तापमान सेटिंग निर्धारित करने के लिए ACs निर्माताओं के साथ काम किया।
- जन जागरूकता अभियान और परामर्श के बाद मंत्रालय ने डिफ़ॉल्ट तापमान सेटिंग 24 डिग्री सेल्सियस तय करने पर विचार किया है।
ऊर्जा दक्षता और लाभ
- आर.के. सिंह के अनुसार, ACs का तापमान 1 डिग्री सेल्सियस बढ़ाने से 6% बिजली की खपत बचाई जा सकती है।
- ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE) ने अनुमान लगाया है कि ACs को 24 डिग्री सेल्सियस पर सेट करने से प्रति वर्ष 20 बिलियन यूनिट बिजली की बचत हो सकती है।
- 2030 तक ACs के कारण कुल कनेक्टेड लोड 200 गीगावाट तक पहुंचने की उम्मीद है।
कम तापमान का स्वास्थ्य पर प्रभाव
- 18 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान असुविधाजनक और अस्वास्थ्यकर माना जाता है, क्योंकि इससे रक्तचाप और उच्च रक्तचाप का खतरा बढ़ सकता है।
- जापान, न्यूजीलैंड और ब्रिटेन में बच्चों पर किए गए अध्ययनों में पाया गया कि 18 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान पर ACs लगाने से नींद के दौरान सांस लेने में सुधार होता है।
- पूरे घर को इन्सुलेशन या हीटर से गर्म रखने से श्वसन संक्रमण कम हो सकता है और एंटीबायोटिक का उपयोग भी कम हो सकता है।
वैश्विक संदर्भ और उपयोग
- अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी ने अनुमान लगाया है कि 2018 में दुनिया भर में 2 बिलियन ACs होंगे, तथा 2022 तक 1.5 बिलियन आवासीय इकाइयाँ होंगी।
- 2022 तक एशिया प्रशांत क्षेत्र में 43% लोगों को अतिरिक्त शीतलन की आवश्यकता होगी।
ACs की कार्यक्षमता और दक्षता
- एयर कंडीशनर (AC) वाष्प-संपीडन चक्र (vapour-compression cycle) में एक शीतलक (refrigerant) का उपयोग करके एक स्थान से दूसरे स्थान तक ऊष्मा को स्थानांतरित करके कार्य करते हैं।
- शीतलक ताप स्थानांतरण (refrigerant heat transfer) के लिए दक्षता एक विशिष्ट तापमान सीमा के भीतर सबसे अधिक होती है तथा इस सीमा के बाहर यह कम हो जाती है।
स्वास्थ्य संबंधी अध्ययन और सिफ़ारिशें
- आराम (Comfort) को इस रूप में परिभाषित किया जाता है कि शरीर का मूल तापमान और त्वचा का औसत तापमान स्थिर बना रहे, बिना पसीना बहाए या कंपकंपी महसूस किए।
- ASHRAE-55 और ISO 7730 मानक कपड़ों और सांस्कृतिक संवेदनशीलता जैसे कारकों पर आराम को निर्धारित करते हैं।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन के 2018 के दिशा-निर्देशों में ठंडे मौसम में रहने के लिए न्यूनतम सुरक्षित तापमान 18 डिग्री सेल्सियस रखने की सिफारिश की गई है।
निम्न तापमान प्रभाव पर अध्ययन
- 2014 के एक अध्ययन में 18 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान वाले घर के अंदर उच्च रक्तचाप का 9% अधिक जोखिम बताया गया।
- इंग्लिश लॉंगिट्यूडिनल स्टडी ऑफ एजिंग में पाया गया कि ठंडे घरों में कोलेस्ट्रॉल अधिक होता है और पकड़ कमजोर होती है।
- 2022 में यूके में किए गए एक अध्ययन में ठंडे घरों को अवसाद और चिंता के बढ़ते जोखिम से जोड़कर देखा गया।
भारत के लिए विचारणीय बातें
- अधिकांश अध्ययन समशीतोष्ण देशों पर केंद्रित रहे हैं तथा उष्णकटिबंधीय या उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में सीमित शोध किया गया है।
- ठंड के संपर्क में आने वाले लोगों को नम सतहों और ऊर्जा की कमी का सामना करना पड़ सकता है, जिससे स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है।
ACs तापमान सेटिंग के संभावित विनियमन का उद्देश्य ऊर्जा बचत और सार्वजनिक स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करना है तथा पर्यावरण और स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं का समाधान करना है।