डिजिटल इंडिया पर प्रधान मंत्री का संबोधन
प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने डिजिटल इंडिया कार्यक्रम की दसवीं वर्षगांठ पर भारत के डिजिटल शासन से वैश्विक डिजिटल नेतृत्व की ओर परिवर्तन पर जोर दिया।
डिजिटल इंडिया का प्रभाव
- डिजिटल इंडिया परियोजनाओं ने डिजिटल विभाजन का मुकाबला करते हुए, "संपन्न और वंचित" के बीच की कमियों को दूर करने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग किया है।
- प्रधान मंत्री मोदी ने प्रौद्योगिकी को अपनाने की भारत की क्षमता के बारे में प्रारंभिक संदेह को उजागर किया, जो अब देश भर में व्यापक रूप से अपनाए जाने से गलत साबित हो गया है।
महत्वपूर्ण उपलब्धियां
- 2014 के बाद से इंटरनेट पहुंच और डिजिटल साक्षरता में पर्याप्त वृद्धि हुई है।
- प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी): 44 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि सीधे नागरिकों के खाते में हस्तांतरित की गई। इससे बिचौलियों का सफाया हुआ और 3.48 लाख करोड़ रुपये की बचत हुई।
- स्वामित्व योजना: 2.4 करोड़ से अधिक संपत्ति कार्ड जारी किए गए और 6.47 लाख गांवों का मानचित्रण किया गया, जिससे लंबे समय से चल रहे भूमि संबंधी मुद्दों का समाधान हुआ।
वैश्विक डिजिटल नेतृत्व
- आधार, डिजीलॉकर और फास्टैग जैसी भारत की डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना परियोजनाएं इस नेतृत्व में महत्वपूर्ण हैं।
- भारत द्वारा प्रबंधित वैश्विक डीपीआई रिपोजिटरी की स्थापना की गई है, जो वैश्विक दक्षिण के देशों तक पहुंच प्रदान करती है।