आईएनएस उदयगिरि - प्रोजेक्ट 17A स्टील्थ फ्रिगेट
भारत की बढ़ती सैन्य विनिर्माण क्षमताओं का हिस्सा आईएनएस उदयगिरि को 1 जुलाई, 2025 को भारतीय नौसेना को सौंप दिया गया, जिससे इसकी नौसैनिक शक्ति में वृद्धि होगी। यह पोत प्रोजेक्ट 17A स्टील्थ फ्रिगेट की श्रृंखला का दूसरा पोत है।
परियोजना का अवलोकन
- प्रोजेक्ट 17A ने प्रोजेक्ट 17 (P-17) के शिवालिक श्रेणी के फ्रिगेट की जगह ली है।
- आईएनएस उदयगिरि, मुम्बई में मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड और कोलकाता में गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स द्वारा निर्मित किये जा रहे सात फ्रिगेट्स में से दूसरा है।
- शेष पांच जहाजों की डिलीवरी 2026 के अंत तक होने की उम्मीद है।
क्षमता
- इन फ्रिगेट्स को 'ब्लू वाटर' वातावरण में बहु-मिशन संचालन के लिए डिजाइन किया गया है, जो पारंपरिक और गैर-पारंपरिक दोनों प्रकार के समुद्री खतरों से निपटते हैं।
- उदयगिरि में उन्नत स्टेल्थ क्षमताएं हैं तथा यह अत्याधुनिक हथियार और सेंसर प्रणालियों से लैस है।
हथियार और सेंसर
- यह पोत सुपरसोनिक सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल प्रणाली और मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली से सुसज्जित है।
- इसमें 76 मिमी की बंदूक और 30 मिमी और 12.7 मिमी की तीव्र-अग्नि हथियार प्रणालियों का संयोजन भी शामिल है।
स्वदेशीकरण और औद्योगिक समर्थन
- प्रमुख हथियार और सेंसर स्वदेशी निर्माताओं से प्राप्त किए जाते हैं, जो देश की जहाज डिजाइन, निर्माण और इंजीनियरिंग क्षमताओं को उजागर करते हैं।
- 200 से अधिक मध्यम, लघु और सूक्ष्म उद्यम इस मजबूत औद्योगिक इकोसिस्टम में योगदान देते हैं।