आईएनएस तमाल का जलावतरण
भारतीय नौसेना ने 1 जुलाई 2025 को रूस के कालिनिनग्राद स्थित यांतर शिपयार्ड में एक मल्टी-रोल स्टील्थ गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट आईएनएस तमाल (F71) को नौसेना में शामिल किया। यह आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया पहल के तहत भारतीय नौसेना में शामिल किया गया अंतिम विदेशी निर्मित प्रमुख युद्धपोत है।
परियोजना और क्लास
आईएनएस तमाल परियोजना 1135.6 श्रृंखला का आठवां जहाज है, जिसे तलवार श्रेणी के नाम से भी जाना जाता है। साथ ही, यह तुषिल श्रेणी के फ्रिगेटों का दूसरा अनुवर्ती जहाज है।
भारत-रूस रक्षा सहयोग
- मिखाइल बेबिच ने भारत और रूस के बीच दीर्घकालिक समुद्री सहयोग पर जोर दिया।
- वाइस एडमिरल आर. स्वामीनाथन ने कहा कि तमाल भारत-रूस रक्षा साझेदारी की गहराई का प्रतीक है, जो 65 वर्षों के दौरान इस सहयोग के तहत निर्मित 51वां जहाज है।
सामरिक और स्वदेशी घटक
- वाइस एडमिरल संजय जसजीत सिंह ने तमाल के जलावतरण को समुद्री रक्षा और भारत-रूस संबंधों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया।
- यद्यपि इसका निर्माण रूस में हुआ है, लेकिन इसमें 26% स्वदेशी घटक शामिल हैं, जिनमें ब्रह्मोस मिसाइल और HUMSA-NG सोनार प्रणाली शामिल हैं।
क्षमताएं और आयुध
समुद्री अभियानों के लिए डिजाइन किया गया आईएनएस तमाल नौसैनिक युद्ध के सभी चार आयामों - वायु, सतह, उप-सतह और इलेक्ट्रॉनिक से खतरों का सामना कर सकता है।
- यह दोहरी भूमिका वाली ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों, लंबवत प्रक्षेपित सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों, 100 मिमी मेन गन, 30 मिमी CIWS, पनडुब्बी रोधी रॉकेट लांचर और भारी वजन वाले टारपीडो से लैस है।
- एनबीसी रक्षा, केंद्रीकृत क्षति नियंत्रण और अग्निशमन प्रणालियों के लिए उन्नत स्वचालित प्रणालियां।
भविष्य की संभावनाएँ
आईएनएस तमाल जल्द ही कर्नाटक के कारवार स्थित अपने मुख्य बंदरगाह के लिए रवाना होगा। यह भविष्य की निर्माण परियोजनाओं में आपसी क्षमताओं और संयुक्त सामर्थ्य के समन्वय को और अधिक सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।