NTPC की स्वच्छ ऊर्जा पहल
भारत की अग्रणी बिजली उत्पादक कंपनी NTPC काफ़ी हद तक कोयला आधारित बिजली उत्पादन पर निर्भर है। हालांकि, अब यह स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में अग्रसर हो रही है। इसके तहत वह एक विशाल परमाणु ऊर्जा परियोजना में भाग ले रही है। इस परियोजना के तहत अमेरिका, दक्षिण कोरिया, फ्रांस और रूस की कंपनियों से प्रारंभिक ऑफर प्राप्त किए जा रहे हैं।
परमाणु ऊर्जा परियोजना विवरण
- NTPC ने ने परमाणु ऊर्जा परियोजनाओं के वित्तपोषण में विश्व बैंक की वापसी के फैसले के बाद, इस क्षेत्र में वित्तीय सहायता के लिए विश्व बैंक से बातचीत शुरू की है।
- इस परियोजना का उद्देश्य संभावित प्रौद्योगिकी हस्तांतरण समझौतों के साथ 15 गीगावाट (Gw) की नई परमाणु क्षमता स्थापित करना है, जो वर्तमान क्षमता को दोगुना कर देगा।
- यह भारत के परमाणु उत्पादन क्षमता को वर्तमान के 8.8 गीगावाट से बढ़ाकर 2047 तक 100 गीगावाट करने के लक्ष्य के अनुरूप है।
वैश्विक सहयोग और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण
- परमाणु प्रौद्योगिकी कंपनियों की रुचि में ब्रुकफील्ड-नियंत्रित वेस्टिंगहाउस (अमेरिका), KEPCO (दक्षिण कोरिया), EDF (फ्रांस) और रोसाटॉम (रूस) शामिल हैं।
- रोसाटॉम तमिलनाडु में 6 गीगावाट के कुडनकुलम संयंत्र में शामिल है, जबकि EDF महाराष्ट्र में NPCIL की जैतापुर परियोजना में तथा वेस्टिंगहाउस आंध्र प्रदेश में कोव्वाडा परियोजना में योगदान दे रहा है।
वित्तपोषण और आर्थिक व्यवहार्यता
विश्व बैंक के नए समर्थन से उच्च-पूंजी-लागत वाली परमाणु परियोजनाओं की व्यवहार्यता में सुधार हुआ है। अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के सहयोग से वित्तपोषण के अवसर और बढ़ गए हैं।
रणनीतिक विकास और अनुमोदन
- NTPC पर्यावरण और वन संबंधी मंजूरी प्राप्त कर राजस्थान में एक नए परमाणु संयंत्र के निर्माण की योजना पर आगे बढ़ रही है।
- कंपनी घरेलू परियोजनाओं के लिए विदेशी प्रौद्योगिकी के उपयोग की संभावना तलाश रही है तथा प्रौद्योगिकी और लाइसेंसिंग मुद्दों पर विचार-विमर्श जारी है।
- NTPC परमाणु ऊर्जा निगम के साथ मिलकर राजस्थान के माही बांसवाड़ा साईट पर स्वदेशी प्रेसराइज्ड हेवी वाटर रिएक्टर (IPHWR) विकसित करने के प्रयासों में साझेदारी कर रहा है।
आगे की राह और सरकारी सहायता
- सरकार विदेशी सहयोग को सुविधाजनक बनाने के लिए संसदीय संशोधनों में दायित्व संबंधी समस्याओं का समाधान कर रही है।
- NTPC नए परमाणु संयंत्र स्थापित करने के लिए मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ सहित कई राज्यों के साथ बातचीत कर रही है।
- रुचि पत्र (Expression of Interest - EoI) तकनीकी स्वदेशीकरण और बड़े पैमाने की विकास परियोजनाओं में सहयोग को प्रोत्साहित करता है, जिसमें "परिकल्पना से लेकर कमीशनिंग तक" के दृष्टिकोण पर विशेष जोर दिया गया है।