भारत में पोषण सेवन: मुख्य निष्कर्ष
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने 2022-23 और 2023-24 के लिए घरेलू उपभोग व्यय सर्वेक्षणों (HCES) के आंकड़ों का विश्लेषण करते हुए ‘भारत में पोषण सेवन’ पर रिपोर्ट जारी की है। यह रिपोर्ट भारत के आहार पैटर्न की जानकारी देती है और प्रगति तथा वर्तमान चुनौतियों पर प्रकाश डालती है।
कैलोरी सेवन
- औसत दैनिक प्रति व्यक्ति कैलोरी सेवन में स्थिरता देखी गई है।
- ग्रामीण भारत : 2022-23 में 2,233 किलो कैलोरी और 2023-24 में मामूली कमी के साथ 2,212 किलो कैलोरी।
- शहरी भारत : क्रमशः 2,250 किलो कैलोरी और 2,240 किलो कैलोरी।
- निम्नतम आय वर्ग के लोगों में कैलोरी सेवन में सुधार देखा गया, जिससे पोषण संबंधी असमानता कम हुई।
व्यय और आहार की गुणवत्ता
- प्रति व्यक्ति मासिक उपभोग व्यय बढ़ने से कैलोरी की उपलब्धता बेहतर होती है।
- अनाज पर खर्च में कमी और अनाज से प्राप्त कैलोरी के प्रतिशत में कमी देखी गई।
- शहरीकरण और बढ़ती प्रयोज्य आय के साथ, इन प्रवृत्तियों के जारी रहने की उम्मीद है।
प्रोटीन और आहार पैटर्न
- प्रोटीन सेवन में अनाज का प्रभुत्व है: ग्रामीण क्षेत्रों में 46-47%, शहरी क्षेत्रों में 39%।
- अंडे, मछली, मांस और दूध से प्रोटीन में वृद्धि के साथ एक बदलाव देखा गया है।
- आहार विविधीकरण बढ़ रहा है, लेकिन अंतर-राज्यीय असमानताएं अभी भी महत्वपूर्ण बनी हुई हैं।
वसा का सेवन
- 2009-10 और 2023-24 के बीच वसा सेवन में 15 ग्राम से अधिक की वृद्धि हुई।
- ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में शहरी क्षेत्रों में वसा की खपत अधिक है।
- मोटापे की बढ़ती दर शरीर में वसा की अधिक मात्रा से जुड़ी हुई है।
अवसर और सिफारिशें
- टिकाऊ और किफायती प्रोटीन विकल्पों को बढ़ावा देने की सिफारिश की गई है।
- कृषि विविधीकरण और आपूर्ति-श्रृंखला में सुधार में निवेश की आवश्यकता है।
- पर्याप्त सूक्ष्म पोषक तत्व और मैक्रोन्यूट्रिएंट का सेवन सुनिश्चित करने के लिए पोषण शिक्षा पर जोर।