भारत-कनाडा अंतरिम व्यापार समझौते की बहाली
भारत और कनाडा के बीच वर्षों से चले आ रहे तनावपूर्ण संबंधों के बाद, अब राजनयिक संबंधों को पुनर्जीवित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। यह मुख्यतः एक अंतरिम व्यापार समझौते पर बातचीत को फिर से शुरू करके किया जा रहा है। इस बदलाव को वैश्विक स्तर पर द्विपक्षीयता की प्रवृत्ति और कनाडाई सरकार के नेतृत्व में आए परिवर्तन ने प्रेरित किया है।
राजनयिक घटनाक्रम
- G7 शिखर सम्मेलन में दोनों देशों के प्रधान मंत्रियों के बीच बैठक के बाद भारत और कनाडा ने दो वर्ष के अंतराल के बाद व्यापार चर्चा पुनः शुरू करने का निर्णय लिया।
- इस निर्णय में मंत्रिस्तरीय वार्ता पुनः शुरू करना तथा द्विपक्षीय संबंधों में सुधार के लिए नए उच्चायुक्तों की नियुक्ति करना शामिल है।
खालिस्तानी अलगाववादी की हत्या के बाद कूटनीतिक तनाव अपने चरम पर पहुंच गया, जिसके परिणामस्वरूप आरोप-प्रत्यारोप, राजनयिक वापसी और निष्कासन हुए। इससे व्यापार वार्ता बुरी तरह प्रभावित हुई।
व्यापार वार्ता
- व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (CEPA) के लिए प्रारंभिक वार्ता 15 वर्ष पहले शुरू हुई थी, लेकिन प्रगति रुक गई।
- मार्च 2022 में, दोनों देशों ने CEPA की दिशा में एक कदम के रूप में प्रारंभिक प्रगति व्यापार समझौता (EPTA) विकसित करने का लक्ष्य रखा।
- वार्ता निम्नलिखित पर केन्द्रित होगी:
- वस्तुएं और सेवाएं
- रूल ऑफ ओरिजिन
- स्वच्छता और पादप स्वच्छता संबंधी उपाय
- तकनीकी बाधाएँ और विवाद निपटान
भारत अपनी औषधियों, वस्त्रों और कृषि वस्तुओं के लिए बेहतर बाजार पहुंच चाहता है, जबकि कनाडा भारत को अपने कृषि निर्यात को बढ़ावा देना चाहता है।
आर्थिक पूरकताएँ
- भारत कनाडा से दाल और कोकिंग कोल जैसे महत्वपूर्ण कच्चे माल का आयात करता है।
- कनाडा का ध्यान वस्त्र, रत्न, कृषि उत्पाद और स्वच्छ ऊर्जा जैसे क्षेत्रों पर है, जहां भारत वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता रखता है।
एक अंतरिम व्यापार समझौता इन संबंधों को और मजबूत कर सकता है तथा मौजूदा चुनौतियों का समाधान कर सकता है, जिससे अधिक मजबूत आर्थिक साझेदारी को बढ़ावा मिलेगा।