आतंकवाद वित्तपोषण पर फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की रिपोर्ट
वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) की नवीनतम रिपोर्ट में आतंकवादी वित्तपोषण के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म के दुरुपयोग से संबंधित गंभीर चिंताओं को उजागर किया गया है। रिपोर्ट में भारत सहित अन्य देशों के सामने इन खतरों को पूरी तरह से समझने और उनका जवाब देने में आने वाली चुनौतियों को रेखांकित किया गया है।
आतंकवाद वित्तपोषण के प्रमुख तरीके
- निम्नलिखित के माध्यम से धन जुटाना, स्थानांतरित करना, भंडारण करना और उसका उपयोग करना:
- नकदी परिवहन और हवाला प्रणाली।
- ऑनलाइन भुगतान सेवाएं, जिनमें फेसबुक और टेलीग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म शामिल हैं।
- आभासी परिसंपत्तियां और डिजिटल प्लेटफॉर्म।
- फर्जी कम्पनियों और गैर-लाभकारी संगठनों (NPOs) जैसी कानूनी संस्थाओं का दुरुपयोग।
उभरते खतरों की पहचान
- चीनी ऐप्स, क्रिप्टो वॉलेट्स, सैटेलाइट फोन और डार्कनेट का उपयोग।
- रामेश्वरम कैफे विस्फोट (2024) और पुलवामा हमला (2019) जैसे विशिष्ट मामले इन तरीकों को उजागर करते हैं।
आतंकवाद के वित्तपोषण में जटिलता
- पारंपरिक वित्तपोषण विधियों के साथ डिजिटल प्रौद्योगिकियों का एकीकरण।
- माइक्रोफाइनेंसिंग, छोटे-मोटे अपराध और प्रौद्योगिकी-सक्षम तरीकों का उपयोग करने वाले अकेले व्यक्तियों से बढ़ता खतरा।
वित्तीय लेन-देन का पता लगाने में चुनौतियां
- वित्तीय गतिविधियों की कम दृश्यता के साथ अक्सर होने वाले जातीय, नस्लीय, या राजनीतिक रूप से प्रेरित हमले।
- असंगत पदनाम और निषेध चुनौती को और बढ़ा देते हैं।
रिपोर्ट में इन उभरते खतरों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए जोखिम-आधारित आतंकवाद-रोधी वित्तपोषण उपायों की मांग की गई है, तथा अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली का दोहन करने में आतंकवादियों की अनुकूलन क्षमता पर प्रकाश डाला गया है।