भारत में शुरुआती स्तर के नवाचार से डीपटेक की ओर बदलाव
हाल ही में, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने भारत में शुरुआती स्तर के नवाचारों से डीपटेक की ओर संक्रमण की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। यह बदलाव महत्वपूर्ण है, क्योंकि भारत में वर्तमान स्टार्टअप इकोसिस्टम काफी हद तक व्यावसायिक मॉडल नवाचारों, जैसे कि खाद्य वितरण ऐप, ई-कॉमर्स और फिनटेक प्लेटफॉर्म पर निर्भर करता है।
डीपटेक को समझना
- परिभाषा: इसमें वैज्ञानिक खोज, इंजीनियरिंग उत्कृष्टता और मौलिक अनुसंधान पर आधारित प्रौद्योगिकियां शामिल हैं।
- घटक: इसमें AI, रोबोटिक्स, IoT और ड्रोन के साथ-साथ मैटेरियल साइंस, पावर इलेक्ट्रॉनिक्स, उन्नत विनिर्माण और मॉलिक्यूलर ड्रग रिसर्च भी शामिल हैं।
- उदाहरण: हल्के और टिकाऊ ड्रोन मैटेरियल साइंस पर निर्भर करते हैं; बैटरी तकनीक में चीन की उन्नति कोर रसायन विज्ञान और इंजीनियरिंग में निवेश के कारण है।
डीपटेक के पांच मुख्य स्तंभ
- उत्पाद मानसिकता: भारत में परिकल्पित विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त उत्पादों की आवश्यकता। वर्तमान उत्पाद निर्माण का DNA कमज़ोर बना हुआ है।
- अनुसंधान एवं विकास संस्कृति: इसके लिए दीर्घकालिक सोच और ऐसी तकनीकी विशेषज्ञता वाले संस्थापकों पर ध्यान देने की आवश्यकता है, जो गूगल और माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियों से प्रेरित हों।
- शैक्षिक इकोसिस्टम:
- उपकरण-आधारित प्रशिक्षण से ध्यान हटाकर आधारभूत समझ पर केन्द्रित करना।
- बहुविषयक सहयोग और शैक्षणिक-उद्योग साझेदारी को प्रोत्साहित करना।
- तकनीकी गहराई: भारतीय शिक्षा को MIT जैसे मॉडलों का अनुकरण करना चाहिए तथा उपकरणों से पहले मूल सिद्धांत पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
- सहायक सरकारी नीतियाँ: प्रोटोटाइपिंग और परीक्षण के लिए तर्कसंगत वित्तपोषण मानदंड और साझा सुविधाओं की आवश्यकता है।
सरकार और संस्थाओं की भूमिका
सरकार को डीपटेक को निर्माण प्रयोगशालाओं और परीक्षण केंद्रों तक पहुँच प्रदान करके समर्थन देना चाहिए। राष्ट्रीय अनुसंधान विकास निगम जैसी संस्थाओं को वित्त पोषण के लिए अधिक तर्कसंगत योग्यता मानदंड अपनाने चाहिए, जिनमें तकनीकी गहराई और संभावित प्रभाव पर ज़ोर दिया जाना चाहिए।
निष्कर्षतः, डीपटेक में भारत को अग्रणी बनाने के लिए एक समन्वित प्रयास की आवश्यकता है। संस्थापकों को अपनी तकनीकी विशेषज्ञता को गहन करना चाहिए, शैक्षणिक संस्थानों को मौलिक और अंतःविषयक शिक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए। साथ ही, सरकार को विश्वस्तरीय डीपटेक उत्पादों के निर्माण के लिए व्यापक सहयोग प्रदान करना चाहिए।