आतंकवाद के वित्तपोषण पर FATF की रिपोर्ट
वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) ने पुलवामा (2019) और गोरखनाथ मंदिर (2022) में हुई महत्वपूर्ण घटनाओं का हवाला देते हुए, आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म के बढ़ते दुरुपयोग की पहचान की है। रिपोर्ट में इन गतिविधियों को बढ़ावा देने में ऑनलाइन भुगतान सेवाओं , वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म की भूमिका पर प्रकाश डाला गया है।
मुख्य निष्कर्ष
- राज्य प्रायोजित:
- रिपोर्ट में आतंकवादी वित्तपोषण (TF) में राज्य प्रायोजन की संलिप्तता का उल्लेख किया गया है। भले ही यह प्रत्यक्ष वित्तीय सहायता के माध्यम से हो या सैन्य सहायता के माध्यम से।
- कुछ राष्ट्रीय सरकारों पर आतंकवादी संगठनों को सहायता प्रदान करने का आरोप लगाया गया है।
- आतंकवादी वित्तपोषण तकनीकें:
- प्रतिबंधों से बचने के लिए व्यापार और तस्करी तंत्र का उपयोग।
- धन शोधन के लिए तेल और सोने जैसी वस्तुओं से जुड़ी जटिल योजनाएँ।
- मामले का अध्ययन:
- पुलवामा हमले में एक महत्वपूर्ण घटक (एल्यूमीनियम पाउडर) अमेज़न के माध्यम से खरीदा गया था, जो ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों के दुरुपयोग को उजागर करता है।
- गोरखनाथ मंदिर पर हमले के लिए, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धन हस्तांतरण के लिए ऑनलाइन भुगतान और VPNs का उपयोग किया गया था, जो अकेले आतंकवाद के लिए डिजिटल उपकरणों के उपयोग को दर्शाता है।
आतंकवादी अभियानों का विकेंद्रीकरण
- रिपोर्ट में विकेंद्रीकृत परिचालन के उपयोग का उल्लेख किया गया है, जिसमें क्षेत्रीय केंद्र और स्व-वित्तपोषित प्रकोष्ठ स्थानीय संदर्भों के अनुरूप ढल रहे हैं।
- अल-कायदा का केन्द्रीय परिषद से AQIS जैसे क्षेत्रीय निकायों की ओर स्थानांतरण इस प्रवृत्ति को दर्शाता है।
व्यापार-आधारित आतंकवादी वित्तपोषण
- सोने या आभूषण के रूप में धन जमा करने के उदाहरणों को चिन्हित किया गया है तथा भारतीय अधिकारियों ने ISIL और अल-कायदा से प्रेरित व्यक्तियों के बीच ऐसी प्रथाओं की पहचान की है।