अमेरिकी बाजार में भारत के व्यापार के अवसर
नीति आयोग की ट्रेड वॉच त्रैमासिक रिपोर्ट के विश्लेषण के अनुसार, यदि भारत पर वर्तमान अमेरिकी टैरिफ अपरिवर्तित रहता है, तो भारत को चीन, कनाडा और मैक्सिको जैसे प्रतिस्पर्धियों की तुलना में उच्च टैरिफ असमानता वाले क्षेत्रों में लाभ होगा।
भारतीय लाभ के लिए संभावित क्षेत्र
- प्रमुख क्षेत्रों में खनिज एवं ईंधन, परिधान, इलेक्ट्रॉनिक्स, प्लास्टिक, फर्नीचर और समुद्री खाद्य शामिल हैं।
- इन उत्पादों के बाजार का आकार 1,265 बिलियन डॉलर होने का अनुमान है।
- भारत को HS 2 श्रेणियों में शीर्ष 30 उत्पादों में से 22 में प्रतिस्पर्धात्मकता हासिल होने की उम्मीद है।
- भारत को HS 4 श्रेणी के शीर्ष 100 उत्पादों में से 78 में भी बढ़त मिल सकती है।
प्रतिस्पर्धात्मक लाभ
- चीन, कनाडा और मैक्सिको इन श्रेणियों में अमेरिका के प्रमुख निर्यातक हैं।
- इन देशों पर क्रमशः 30%, 35% और 25% की उच्च अमेरिकी टैरिफ दर से भारत की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी।
भारत के लिए रणनीतिक अवसर
- उत्पादों की संख्या और अमेरिकी बाजार के आकार दोनों के संदर्भ में, अमेरिकी बाजारों में भारत के लिए महत्वपूर्ण अवसर हैं।
- भारत को प्राप्त सापेक्ष टैरिफ लाभ, अमेरिका में अपनी बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने का रणनीतिक अवसर प्रदान करता है।
- संभावित विकास के लिए चिन्हित क्षेत्रों में फार्मास्यूटिकल्स, वस्त्र और विद्युत मशीनरी शामिल हैं।