प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना (PMDDKY)
"प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना" 2025 के केंद्रीय बजट के एक भाग के रूप में शुरू की गई एक सरकारी पहल है। इसे केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा कृषि उत्पादकता बढ़ाने और पूरे भारत में स्थायी कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अनुमोदित किया गया था।
योजना का अवलोकन
- इस योजना में 11 विभिन्न मंत्रालयों की 36 मौजूदा योजनाओं का विलय किया गया है।
- इसका वित्तीय परिव्यय 2025-26 से शुरू होकर छह वर्षों के लिए प्रति वर्ष 24,000 करोड़ रुपये होगा।
- इसका उद्देश्य देश भर के 1.7 करोड़ किसानों को लाभ पहुंचाना है।
कार्यान्वयन रणनीति
- 112 अल्पविकसित जिलों को रूपांतरित करने के लिए 2018 में शुरू किए गए आकांक्षी जिला कार्यक्रम से प्रेरित।
- 11 विभागों, राज्य योजनाओं और निजी क्षेत्र की भागीदारी में 36 योजनाओं के अभिसरण के माध्यम से कार्यान्वयन।
- 100 जिलों का चयन निम्नलिखित आधार पर किया जाएगा:
- कम उत्पादकता
- कम फसल तीव्रता
- कम ऋण वितरण
- जिलों के लिए चयन मानदंड:
- शुद्ध फसल क्षेत्र और परिचालन जोत के हिस्से के आधार पर।
- प्रत्येक राज्य/संघ राज्य क्षेत्र से कम से कम एक जिले का चयन किया जाएगा।
विशेषज्ञ अंतर्दृष्टि
ऊर्जा, पर्यावरण एवं जल परिषद (CEEW) का कहना है कि यह योजना निम्न प्रदर्शन वाले जिलों में कृषि प्रदर्शन को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है, जिसके लिए निम्नलिखित पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा:
- फसल विविधीकरण के माध्यम से उत्पादकता और लचीलापन
- संबद्ध गतिविधियाँ और मूल्य संवर्धन
- मृदा स्वास्थ्य और जल-उपयोग दक्षता