लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर: बैरियोन्स में CP वॉयलेशन का खुलासा
लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर (LHC) दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे शक्तिशाली कण त्वरक है, जो एक 27 किलोमीटर लंबी भूमिगत रिंग में स्थित है। इसमें मुख्यतः प्रोटॉनों को प्रकाश की गति के करीब तक तेज किया जाता है। ये कण चार निर्धारित स्थानों पर एक-दूसरे से टकराते हैं, जहाँ विशाल डिटेक्टर इन टक्करों से जुड़ा डाटा एकत्र करते हैं।
मैटर बनाम एंटीमैटर का रहस्य
- ब्रह्माण्ड में मुख्यतः एंटीमैटर की अपेक्षा मैटर की अधिकता है। हालांकि, ऐसा माना जाता था कि बिग बैंग के बाद दोनों समान मात्रा में विद्यमान थे।
- मैटर का प्रभुत्व CP वॉयलेशन नामक घटना से जुड़ा हुआ है, जो मैटर और एंटीमैटर के व्यवहार में अंतर को दर्शाता है।
- CP वॉयलेशन पहले मेसॉन में देखा गया था, लेकिन बैरियॉन (जैसे प्रोटॉन, न्यूट्रॉन) में नहीं।
बैरियोन्स के संबंध में हाल की खोजें
- LHCb सहयोगी समूह (LHCb collaboration) ने पहली बार बैरियॉन क्षय (decay) में CP वॉयलेशन का अवलोकन किया है, विशेष रूप से Λb⁰ बैरियॉन में।
- इस क्षय में Λb⁰ बैरियॉन, एक प्रोटॉन, एक ऋणात्मक चार्ज वाला काओन, एक धनात्मक चार्ज वाला पायन, और एक ऋणात्मक चार्ज वाला पायन में परिवर्तित होता है।
- इस प्रयोग में 2011 से 2018 तक LHCb डिटेक्टर एकत्रित डेटा का उपयोग किया गया, जिसे मशीन लर्निंग और कण पहचान उपकरणों की मदद से विश्लेषित किया गया।
CP समरूपता और वॉयलेशन
- CP वॉयलेशन का तात्पर्य है कि भौतिकी के नियम मैटर और एंटीमैटर के लिए समान नहीं हैं।
- अवलोकित CP विषमता लगभग 2.45% पाई गई, जो कि शून्य की अपेक्षा से काफी भिन्न है, यदि कोई उल्लंघन न होता।
- यह खोज स्टैंडर्ड मॉडल से मेल खाती है, लेकिन इसमें देखे गए CP वॉयलेशन की मात्रा ब्रह्मांड में मैटर-एंटीमैटर विषमता को पूरी तरह समझाने के लिए अपर्याप्त है।
भविष्य की शोध दिशाएं
- भौतिकविद अब स्टैंडर्ड मॉडल से आगे की "नई भौतिकी" (New Physics) की खोज कर रहे हैं ताकि मैटर-एंटीमैटर विषमता को बेहतर समझा जा सके।
- बैरियॉनों में CP वॉयलेशन के जटिल चरण (complex phase) से वर्तमान डेटा को निकालना कठिन बना हुआ है। यह इस घटना को समझने के लिए महत्वपूर्ण है।
- 2022 में, बैरियोन में जटिल चरण को मापने के लिए नई पद्धतियां प्रस्तावित की गईं।
बैरियोन्स में CP वॉयलेशन का महत्व
बैरियोन में CP वॉयलेशन का अवलोकन अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि बैरियोन ब्रह्मांड के दृश्य मैटर का निर्माण करते हैं। यह खोज मैटर-एंटीमैटर विषमता के रहस्य को सुलझाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हालाँकि, व्यापक समझ के लिए आगे प्रयोगात्मक और सैद्धांतिक प्रगति आवश्यक है।
सखारोव शर्तें
- मैटर-प्रधान ब्रह्मांड के लिए आवश्यक तीन शर्तें:
- बैरियोन संख्या वॉयलेशन
- बैरियोन में CP वॉयलेशन
- बैरियोन और एंटीबैरियोन उत्पादन के पुनर्संतुलन को रोकने के लिए तापीय संतुलन से विचलन
बारियोन क्षय में CP वॉयलेशन का हालिया अवलोकन इन स्थितियों को समझने में योगदान देता है। फिर भी, यह खोज संभावित नई भौतिकी की जांच के लिए नए रास्ते खोलती है जो ब्रह्मांड की संरचना को बेहतर ढंग से समझा सकती है।