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सुधार इंतज़ार नहीं किया जा सकता, विमानन सुरक्षा दांव पर है | Current Affairs | Vision IAS

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सुधार इंतज़ार नहीं किया जा सकता, विमानन सुरक्षा दांव पर है

15 min read

भारत के विमानन क्षेत्र में प्रणालीगत मुद्दे

अहमदाबाद में एयर इंडिया बोइंग 787 विमान दुर्घटना पर विमान दुर्घटना जाँच ब्यूरो की 12 जुलाई, 2025 को जारी की गई प्रारंभिक रिपोर्ट भारत के विमानन क्षेत्र को प्रभावित करने वाले कई व्यवस्थागत मुद्दों पर प्रकाश डालती है। रिपोर्ट अभी भी अनिर्णायक है, जिससे यह संदेह पैदा होता है कि पायलट द्वारा उठाया गया कदम अनजाने में हुआ था या जानबूझकर। यह जाँच प्रक्रिया के प्रति विमानन समुदाय के भीतर व्यापक अविश्वास को दर्शाती है। 

सुधार की आवश्यकता

  • सुरक्षा की संस्कृति: एक वास्तविक 'सुरक्षा की संस्कृति' की आवश्यकता है, जिसमें निष्पक्ष रोजगार शर्तों और दंडात्मक परिणामों के बिना विमानकर्मियों के लिए मानसिक स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच पर जोर दिया जाए। 
  • न्यायपालिका और जवाबदेही: न्यायिक हस्तक्षेपों ने पहले भी नियामक विफलताओं को दूर करके लोगों की जान बचाई है। 2018 की घाटकोपर दुर्घटना इसका उदाहरण है। 
  • नियामक चुनौतियाँ: नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) और नागरिक उड्डयन मंत्रालय (MoCA) सुरक्षा मानकों को पर्याप्त रूप से लागू करने में विफल रहे हैं, जिससे नियामक अस्पष्टता जारी रही है। 

बाधाएँ और नियामक विफलताएँ 

  • मौजूदा इनर हॉरिज़ोंटल सरफेस (IHS) मानदंडों के बावजूद, मुंबई के हवाई क्षेत्र के चारों ओर ऊर्ध्वाधर अवरोधों में वृद्धि, प्रणालीगत नियामक विफलता की ओर इशारा करती है। 
  • 2008 में एक गैर-सांविधिक समिति के गठन में कानूनी सुरक्षा उपायों को दरकिनार कर सुरक्षा मानदंडों का उल्लंघन करने वाली इमारतों के निर्माण को मंजूरी दे दी गई है। 
  • बाधाएं रडार और संचार संकेतों में बाधा डालती हैं तथा अपीलीय समिति के दिशानिर्देशों का क्रियान्वयन अप्रभावी ढंग से किया गया है।

विमानन प्रणाली घटक

  • विमान रख-रखाव: विमान रखरखाव इंजीनियरों (AMEs) को बिना किसी कार्य समय सीमा के अत्यधिक तनाव का सामना करना पड़ता है, जबकि एयरलाइंस कम-योग्य तकनीशियनों को कार्य सौंपती हैं। 
  • फ्लाइट क्रू: एयरलाइंस पायलटों के लिए उड़ान समय ड्यूटी संबंधी सीमाओं का उल्लंघन करती हैं, DGCA द्वारा छूट दिए जाने से थकान और सुरक्षा जोखिम बढ़ता है। 
  • वायु यातायात प्रबंधन: AAI में वायु यातायात नियंत्रक अधिकारियों (ATCO) की कमी और ड्यूटी-समय सीमाओं का अभाव सुरक्षा संबंधी चिंताओं को बढ़ाता है। 
  • व्हिस्टलब्लोवर्स को चुप कराना: व्हिस्टलब्लोवर्स को अक्सर दंडित किया जाता है, जिससे सुरक्षा मुद्दों की रिपोर्टिंग में बाधा उत्पन्न होती है। 

निष्कर्ष

भारत में विमानन प्रणाली व्यवस्थागत उपेक्षा और नीतिगत उल्लंघनों से ग्रस्त है, जिसके कारण बार-बार दुर्घटनाएँ होती हैं। ये केवल दुर्घटनाएँ नहीं, बल्कि पूर्वानुमानित परिणाम होते हैं। तत्काल सुधार के बिना, ये मुद्दे जीवन के लिए ख़तरा बने रहेंगे। न्यायपालिका को जवाबदेही और सुरक्षा मानकों को लागू करने में अधिक सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए और आवश्यक बदलावों को लागू करने के लिए मानव जीवन के मूल्य का पुनर्मूल्यांकन आवश्यक है।

  • Tags :
  • India's Aviation Sector
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