ब्राजील और फ्रांस के अलावा 6 अन्य देश पहले ही इस पहल में शामिल हो चुके हैं। ये 6 देश हैं - ऑस्ट्रेलिया, फिजी, केन्या, मैक्सिको, पलाऊ और सेशेल्स। इस प्रकार यह आरंभिक 8 देशों का समूह बन गया है।
ब्लू NDC चैलेंज के बारे में
- यह सभी देशों से COP-30 से पहले महासागर को अपने NDCs यानी “राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदानों के केंद्र में रखने” का आह्वान करता है।
- समर्थन: इस पहल को ओशन कन्ज़र्वेंसी, द ओशन एंड क्लाइमेट प्लेटफॉर्म तथा वर्ल्ड रिसोर्सेज इंस्टिट्यूट थ्रू द ओशन रेसिलिएंस एंड क्लाइमेट अलायन्स द्वारा समर्थन प्राप्त है।
जलवायु संकट से निपटने में महासागर की भूमिका
- कार्बन डाइऑक्साइड का अवशोषण: महासागर पृथ्वी के सबसे महत्वपूर्ण कार्बन सिंक में से एक हैं। ये वैश्विक कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन का लगभग 30% अवशोषित करते हैं।
- मैंग्रोव और समुद्री घास जैसे तटीय पर्यावास स्थलीय वनों की तुलना में चार गुना अधिक दर पर कार्बन को अवशोषित करते हैं।
- ताप विनियमन: यह ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन से उत्पन्न अतिरिक्त गर्मी का लगभग 90% हिस्सा अवशोषित करते हैं।
- नवीकरणीय ऊर्जा: अपतटीय पवन ऊर्जा में वैश्विक विद्युत की एक तिहाई से अधिक आवश्यकताओं को पूरा करने की क्षमता है।
महासागरीय पारिस्थितिकी-तंत्र की सुरक्षा के लिए वैश्विक पहलें
- समुद्री संरक्षित क्षेत्र (MPAs): ये संरक्षण के लिए निर्दिष्ट क्षेत्र होते हैं। यहां समुद्री जीवन की सुरक्षा के लिए कुछ गतिविधियों को प्रतिबंधित किया जाता है।
- संयुक्त राष्ट्र का सतत विकास के लिए महासागर विज्ञान दशक (2021-2030): इसका उद्देश्य महासागरीय पारिस्थितिकी-तंत्र में आ रही गिरावट को रोकने के लिए महासागर विज्ञान को प्रोत्साहित करना और सतत विकास को बढ़ावा देना है।
- भारतीय पहलें: मिष्टी/ MISHTI (मैंग्रोव इनिशिएटिव फॉर शोरलाइन हैबिटेट्स एंड टैंजिबल इनकम), डीप ओशन मिशन आदि।