हाल ही में, केंद्रीय गृह मंत्री ने भारत में आपदा प्रबंधन के तहत "जीरो कैजुअल्टी अप्रोच” अपनाने और बाढ़ नियंत्रण में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग करने की आवश्यकता पर बल दिया।
बाढ़ से निपटने के प्रबंधन के लिए प्रमुख निर्देश
- एक-जैसा सड़क डिज़ाइन: विशेषकर राज्य और जिला राजमार्गों के लिए सड़क डिज़ाइनों में जल निकासी की व्यवस्था एकीकृत की जानी चाहिए।
- नदी घाटियों में वनावरण का विस्तार: नर्मदा नदी घाटी में वनावरण में वृद्धि से इस घाटी को उसकी प्राकृतिक अवस्था में वापस लाया जा सकता है, मृदा अपरदन में कमी की जा सकती है, आदि।
‘बाढ़ से निपटने के प्रबंधन’ के बारे में
- बाढ़ की परिभाषा: ‘जब जल का स्तर इतना बढ़ जाए कि वह अपने प्राकृतिक या कृत्रिम तटबंधों या तटों को पार कर आमतौर पर सूखी भूमि पर फैल जाए, जैसे कि नदी अपने बाढ़ के मैदानी क्षेत्र को डुबो दे”, तो उसे बाढ़ या फ्लड कहते हैं।
- संवैधानिक प्रावधान: संविधान में राज्य सूची (II) की प्रविष्टि-7 के अनुसार बाढ़ नियंत्रण की प्राथमिक जिम्मेदारी राज्यों की होती है।
- बाढ़ से निपटने के प्रबंधन की संरचना: इसमें आमतौर पर निम्नलिखित शामिल हैं:
- संरचनात्मक उपाय:
- जलाशयों का निर्माण करके अतिरिक्त जल का भंडारण किया जाता है। इससे बाढ़ के खतरे को कम किया जाता है।
- उदाहरण के लिए- दामोदर घाटी निगम के तहत कई बहुउद्देशीय बांधों का निर्माण किया गया है।
- तटबंध का निर्माण: बाढ़ के खतरे वाले राज्यों में ऐसे तटबंध बाढ़ से सुरक्षा प्रदान करते हैं।
- उदाहरण के लिए- बाढ़ प्रबंधन कार्यक्रम के अंतर्गत 37,000 किलोमीटर से अधिक लंबे तटबंध बनाए गए हैं।
- डिटेंशन बेसिन/ आर्द्रभूमियों का संरक्षण: प्राकृतिक गड्ढे, दलदली क्षेत्र, झील आदि अतिरिक्त जल को भंडारित करके बाढ़ के खतरों को कम करते हैं।
- उदाहरण के लिए- बिहार की मोकामा ताल आर्द्रभूमि।
- जलाशयों का निर्माण करके अतिरिक्त जल का भंडारण किया जाता है। इससे बाढ़ के खतरे को कम किया जाता है।
- गैर-संरचनात्मक उपाय:
- फ्लड एरिया ज़ोनिंग: इसके तहत बाढ़ के खतरे वाले क्षेत्रों की पहचान करके उनमें सीमित विकास या निर्माण कार्यों की अनुमति दी जाती है। इसका वास्तविक उद्देश्य बाढ़ के मैदानी क्षेत्रों में बाढ़ से होने वाले नुकसान को कम करना है।
- बाढ़ का पूर्वानुमान: केंद्रीय जल आयोग (CWC) बाढ़ का पूर्वानुमान जारी करता है। यह बाढ़ के खतरों या उससे होने वाले नुकसान को कम करने का एक किफायती तरीका है।
- पहले अगले तीन दिनों के लिए बाढ़ का पूर्वानुमान जारी किया जाता था, अब यह अगले 7 दिनों के लिए जारी किया जाता है।
- संरचनात्मक उपाय:
बाढ़ से निपटने के प्रबंधन में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग
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