भारतीय वन सर्वेक्षण (FSI) द्विवार्षिक (दो वर्षों में एक बार) आधार पर 'भारत वन स्थिति रिपोर्ट (ISFR)' प्रकाशित करता है। इस रिपोर्ट को पहली बार 1987 में प्रकाशित किया गया था। ISFR 2023, इस श्रृंखला की 18वीं रिपोर्ट है। FSI पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) के तहत कार्य करने वाला एक संगठन है।

रिपोर्ट के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर:
- कुल वन एवं वृक्ष आवरण: यह 2021 के आकलन (24.62%) की तुलना में भौगोलिक क्षेत्र के 25.17% तक बढ़ गया है।
- इसमें 21.76% वन आवरण और 3.41% वृक्ष आवरण शामिल हैं।
- वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दर्शाने वाले राज्य: छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, ओडिशा और राजस्थान।
- 19 राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों में 33 प्रतिशत से अधिक क्षेत्रफल पर वन आवरण मौजूद है। इनमें से 8 राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों (मिजोरम, लक्षद्वीप, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मेघालय, त्रिपुरा और मणिपुर) में 75 प्रतिशत से अधिक वन आवरण है।
- राष्ट्रीय वन नीति, 1988 में राष्ट्रीय लक्ष्य के रूप में देश के कुल भू-क्षेत्र के कम-से-कम 1/3 भाग को वन या वृक्ष आच्छादित करने का प्रावधान किया गया है।
- मैंग्रोव आवरण: देश में कुल मैंग्रोव आवरण 4,992 वर्ग किमी. है। इसमें 2021 की तुलना में 7.43 वर्ग किमी. की कमी दर्ज की गई है।
- गुजरात में कमी देखी गई है, जबकि आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र में वृद्धि देखी गई है।
- राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान के अंतर्गत लक्ष्य: भारत का कार्बन स्टॉक 30.43 बिलियन टन CO₂ के समतुल्य तक पहुंच गया है। यह दर्शाता है कि 2005 के आधार वर्ष की तुलना में, भारत पहले ही 2.29 बिलियन टन अतिरिक्त कार्बन सिंक तक पहुंच चुका है, जबकि 2030 तक 2.5 से 3.0 बिलियन टन का लक्ष्य रखा गया है।
- बांस धारित क्षेत्र का विस्तार: देश में बांस धारित क्षेत्र का विस्तार 1,54,670 वर्ग किलोमीटर अनुमानित किया गया है। वर्ष 2021 में किए गए पिछले आकलन की तुलना में बांस क्षेत्र में 5,227 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि हुई है।