भारत में औद्योगिक पार्क राज्य सरकारों और निजी क्षेत्र की भागीदारी से विकसित किए जा रहे हैं। ये पार्क साझा अवसंरचना, सरलीकृत अनुमोदन प्रक्रियाएं तथा स्थिर और स्पष्ट विनियामक प्रावधान जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराते हैं।
भारत में औद्योगिक पार्कों की वर्तमान स्थिति
- भारत औद्योगिक भूमि बैंक (India Industrial Land Bank: IILB) के अनुसार वर्तमान में भारत में 4,500 से अधिक औद्योगिक पार्क कार्यरत हैं।
- राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास निगम (NICDC) के अंतर्गत 306 प्लग-एंड-प्ले औद्योगिक पार्क तथा 20 पार्क और स्मार्ट सिटी विकसित किए जा रहे हैं।
औद्योगिक पार्कों द्वारा प्रदान किए जा रहे प्रमुख लाभ
- आर्थिक संवृद्धि में योगदान:
- ये पार्क उत्पादन के दुर्लभ संसाधनों को एक स्थान पर उपलब्ध कराकर इनके साझा उपयोग को बढ़ावा देते हैं,
- उत्पादकता और परिचालन दक्षता में सुधार करते हैं,
- प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) आकर्षित करते हैं। अंकटाड (UNCTAD) के अनुसार भारत ग्रीनफील्ड परियोजनाओं में निवेश आकर्षित करने के मामले में विश्व के शीर्ष 5 गंतव्यों में शामिल है।
- रोजगार सृजन में योगदान देते हैं, और
- कर्मचारियों के लिए उच्च पारिश्रमिक सुनिश्चित करते हैं।
- पर्यावरणीय एवं सामाजिक उत्तरदायित्व का निर्वहन:
- ये पार्क पर्यावरण-अनुकूल कार्यों को बढ़ावा देते हैं,
- संसाधन के उपयोग में दक्षता सुनिश्चित करते हैं,
- महिलाओं के लिए अलग अनुकूल सुविधाएं उपलब्ध कराते हैं
- कर्मचारियों के लिए स्वास्थ्य-देखभाल और सुरक्षा व्यवस्थाएं उपलब्ध कराते हैं।
औद्योगिक पार्कों को बढ़ावा देने हेतु शुरू की गई पहलें
- प्लग-एंड-प्ले औद्योगिक पार्क: केंद्रीय बजट 2025-26 में इनके विकास हेतु 2,500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
- भारत औद्योगिक भूमि बैंक (IILB): इसकी स्थापना उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) द्वारा की गई है। यह GIS-आधारित केंद्रीकृत प्लेटफार्म है। यह देश भर की औद्योगिक भूमि से संबंधित स्थानिक (spatial) और गैर-स्थानिक जानकारी प्रदान करता है।
- औद्योगिक पार्क रेटिंग प्रणाली (IPRS): यह औद्योगिक पार्कों के प्रदर्शन और गुणवत्ता के आकलन के लिए एक व्यापक ढांचा है।
- IPRS 3.0 प्रणाली सितंबर 2025 में आरंभ हुई है। इसमें संधारणीयता, कौशल लिंकेज (उपलब्ध अवसर के अनुसार कौशल प्रशिक्षण), डिजिटलीकरण आदि से संबंधित नए मापदंड शामिल किए गए हैं।
- व्यवसाय करने की सुगमता (ईज़ ऑफ़ डूइंग बिज़नेस) में सुधार: राष्ट्रीय व्यवसाय सुधार कार्य योजना (National Business Reforms Action Plan: BRAP), 2014; वस्तु एवं सेवा कर (GST); नियमों के अनुपालन बोझ में कमी, इत्यादि के माध्यम से व्यवसाय करना सुगम बनाया गया है।
