भारत और EFTA के बीच ऐतिहासिक व्यापार समझौता
हाल ही में, स्विट्जरलैंड ने भारत और यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA) के बीच एक महत्वपूर्ण व्यापार समझौते को स्वीकृति दे दी है। इस समझौते में आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड भी शामिल हैं। इस समझौते का उद्देश्य व्यापार बाधाओं को कम करना और भारत को स्विस निर्यात को बढ़ाना है।
व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौते (TEPA) की मुख्य विशेषताएं
- ऐसी उम्मीद है कि TEPA अक्टूबर में प्रभावी हो सकता है।
- EFTA देशों ने अगले 15 वर्षों में भारत में 100 बिलियन डॉलर का निवेश करने की योजना बनाई है।
लाभ और आर्थिक प्रभाव
- दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक सहयोग की उम्मीद है।
- इसके तहत टैरिफ में कमी की जानी है तथा सीमा शुल्क प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित किया जाना है।
- बौद्धिक संपदा सुरक्षा में वृद्धि।
- संधारणीय व्यापार प्रथाओं के लिए फ्रेमवर्क।
- EFTA देश भारत में दस लाख नौकरियां पैदा करेंगे।
स्विट्ज़रलैंड की भूमिका और निवेश
- स्विटजरलैंड वर्तमान में भारत में 12वां सबसे बड़ा निवेशक है।
- भारत में स्विस निवेश 2000 के CHF 551 मिलियन से बढ़कर 2024 में CHF 10 बिलियन हो गया है।
- स्विस सरकार की प्राथमिकता भारत में रुचि रखने वाली स्विस कंपनियों के लिए TEPA को प्रभावी ढंग से लागू करना है।
कार्यान्वयन और भविष्य का दृष्टिकोण
- यह समझौता संभवतः अक्टूबर से प्रभावी होगा तथा कुछ उत्पादों को 10 वर्षों में क्रमिक रूप से विघटित किया जाएगा।