GST सुधारों का अवलोकन
3 सितंबर, 2025 को हुई 56वीं GST परिषद की बैठक में घोषित नवीनतम वस्तु एवं सेवा कर (GST) सुधार भारत की अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था को सरल बनाने पर केंद्रित हैं। इस सुधार पैकेज में दरों को सुव्यवस्थित करना, विसंगतियों को दूर करना, अनुपालन को आसान बनाना और विवाद समाधान को मज़बूत करना, महत्वाकांक्षा और व्यावहारिकता के बीच संतुलन बनाना शामिल है।
प्रमुख परिवर्तन और लाभ
- कर ब्रैकेट समायोजन:
- साबुन, टूथपेस्ट और पैकेज्ड खाद्य पदार्थ जैसी आवश्यक वस्तुएं अब कम कर दायरे में हैं, जिससे घरेलू बजट आसान हो रहा है और मांग बढ़ रही है।
- सीमेंट और निर्माण सामग्री पर GST में कमी से 'सभी के लिए आवास' मिशन को समर्थन मिला है और संबद्ध उद्योगों को प्रोत्साहन मिला है।
- जीवन रक्षक दवाओं और महत्वपूर्ण चिकित्सा उपकरणों पर शून्य या 5% GST लगेगा, जिससे उपचार की लागत कम होगी और पहुंच बढ़ेगी।
- उद्योगों के लिए समर्थन:
- कपड़ा और जूते-चप्पल जैसे श्रम-प्रधान उद्योगों को कम दरों से लाभ मिलता है, जिससे मार्जिन सुरक्षित रहता है और नौकरियां पैदा होती हैं।
- मोटर वाहन क्षेत्र में अधिक किफायती वाहनों के आने से मांग और निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
- ड्यूटी संरचनाओं में सुधार:
- वस्त्र और उर्वरकों में इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर को ठीक किया गया है, जिससे प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और आयात पर निर्भरता कम होगी।
मुकदमेबाजी और अनुपालन में सुधार
ये सुधार स्लैब को सरल बनाकर, दरों में सामंजस्य स्थापित करके तथा मध्यस्थ सेवाओं पर स्पष्टीकरण प्रदान करके GST की मुकदमेबाजी चुनौतियों का समाधान करते हैं।
MSME के लिए प्रोत्साहन
- सरलीकृत GST पंजीकरण योजना: तीन दिनों के भीतर स्वचालित अनुमोदन से अनुपालन लागत कम होती है और औपचारिकता को बढ़ावा मिलता है।
- छोटे निर्यातकों के लिए समर्थन: कम मूल्य की खेपों पर रिफंड की सीमा को हटाने से तरलता उपलब्ध होती है और पुनर्निवेश को प्रोत्साहन मिलता है।
संस्थागत सुधार
वस्तु एवं सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण (GSTAT) के संचालन से विवादों का तेजी से समाधान संभव होगा, प्रणाली में विश्वास बढ़ेगा और लंबित मामलों में कमी आएगी।
वैश्विक संरेखण और भविष्य की संभावनाएँ
- दो-दर GST संरचना: 18% की मानक दर और 5% की योग्यता दर भारत को वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं के अधिक निकट लाती है।
- अंतर्राष्ट्रीय निवेश: ये सुधार नीतिगत स्थिरता और व्यापार में आसानी का संकेत देते हैं, जिससे भारत एक प्रतिस्पर्धी निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित हो रहा है।
इन सुधारों की सफलता प्रभावी कार्यान्वयन पर निर्भर करती है। GST 2.0 केवल एक कर संशोधन नहीं है, बल्कि एक व्यापक आर्थिक सुधार है जिसका उद्देश्य उपभोग को बढ़ावा देना, MSME को सशक्त बनाना और भारत की विकास गति को सुदृढ़ करना है।