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भारत में अवसंरचना संबंधी विफलताएं: गुणवत्ता, गवर्नेंस और जवाबदेही का संकट (Infrastructure Failures in India: A Crisis of Quality, Governance, and Accountability) | Current Affairs | Vision IAS
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भारत में अवसंरचना संबंधी विफलताएं: गुणवत्ता, गवर्नेंस और जवाबदेही का संकट (Infrastructure Failures in India: A Crisis of Quality, Governance, and Accountability)

Posted 04 Sep 2025

10 min read

भूमिका

अवसंरचना किसी भी राष्ट्र के विकास की रीढ़ होती है, लेकिन भारत बार-बार होने वाली अवसंरचना संबंधी विफलताओं से जूझ रहा है। इसका असर न केवल जन-सुरक्षा पर पड़ता है बल्कि आर्थिक विकास और जीवन की गुणवत्ता पर भी होता है। गुजरात में महिसागर पुल (2025) का गिरना और बिहार में कई पुलों का ढहना, निर्माण की गुणवत्ता, खराब रखरखाव और विनियामकीय  निगरानी को लेकर गंभीर सवाल खड़े करते हैं। ये घटनाएँ केवल जान-माल की हानि ही नहीं करती हैं, बल्कि गहरे मुद्दों जैसे भ्रष्टाचार, जवाबदेही की कमी, कार्यान्वयन में देरी और सुरक्षा मानकों के साथ समझौते को भी उजागर करती हैं।  इसलिए अवसंरचना की खामियों को दूर करना सिर्फ विकास की आवश्यकता ही नहीं, बल्कि नीतिपरक गवर्नेंस, पर्यावरणीय न्याय और मानवीय गरिमा का भी प्रश्न है।

इस आर्टिकल में हम अवसंरचना का अर्थ, आर्थिक विकास में उसके योगदान, अवसंरचना संबंधी विफलता के कारण, भारत के लिए चुनौतियां, इसके नैतिक पहलू, सरकार द्वारा उठाए गए कदम और अवसंरचना को अधिक मजबूत बनाने के समाधान पर चर्चा करेंगे।

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  • Tags :
  • सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP)
  • विजय केलकर समिति
  • पर्यावरणीय प्रभाव आकलन
  • डिजिटल अवसंरचना
  • पी.एम. गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान
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