राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC)
राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC) की 91वीं आम परिषद की बैठक दिल्ली में आयोजित की गई।
NCDC के बारे में
- उत्पत्ति: इसकी स्थापना 1963 में संसद के एक अधिनियम द्वारा सांविधिक कॉर्पोरेशन के रूप में की गई थी। यह केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय के तहत कार्य करता है।
- NCDC के कार्य:
- कृषि उत्पादों के उत्पादन, विपणन, भंडारण, निर्यात और आयात आदि के लिए कार्यक्रमों की योजना बनाना, उन्हें बढ़ावा देना और उनका वित्तपोषण करना।
- ग्रामीण औद्योगिक सहकारी क्षेत्रों में परियोजनाओं को वित्तपोषित करना तथा ग्रामीण क्षेत्रों में जल संरक्षण, सिंचाई जैसी कुछ अधिसूचित सेवाओं के लिए वित्तपोषण प्रदान करना।
- प्राथमिक और माध्यमिक स्तर की सहकारी समितियों के वित्तपोषण के लिए राज्य सरकारों को ऋण और अनुदान देना।
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- राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम
- NCDC
- केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय
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अंतर्राष्ट्रीय सहकारी गठबंधन (ICA)
अंतर्राष्ट्रीय सहकारी गठबंधन (ICA) का वैश्विक सहकारी सम्मेलन भारत में आयोजित किया जा रहा है।
- ICA के 130 वर्षों के इतिहास में पहली बार यह सम्मेलन भारत में आयोजित हो रहा है।
- सम्मेलन की थीम: "सहकारिता सभी के लिए समृद्धि का निर्माण करती है।" यह थीम भारत सरकार के "सहकार से समृद्धि" विजन के अनुरूप है।
अंतर्राष्ट्रीय सहकारी गठबंधन (ICA) के बारे में
- स्थापना: 1895 में लंदन में।
- यह वैश्विक संगठन दुनिया भर में सहकारी समितियों को एकजुट करने के अलावा उनका प्रतिनिधित्व करता है तथा उन्हें सेवा प्रदान करता है।
- सदस्य: 105 देशों के 306 सदस्य संगठन।
- यह सहकारी आंदोलन के लिए सर्वोच्च संगठन के रूप में कार्य करता है। यह सहयोग, ज्ञान के आदान-प्रदान और समन्वित कार्रवाई के लिए एक वैश्विक प्लेटफार्म प्रदान करता है।
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- अंतर्राष्ट्रीय सहकारी गठबंधन
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- वैश्विक सहकारी सम्मेलन
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आसियान-भारत वस्तु व्यापार समझौता (AITIGA)
हाल ही में, आसियान-भारत वस्तु व्यापार समझौता (AITIGA) की संयुक्त समिति की छठी बैठक नई दिल्ली में आयोजित की गई।
AITIGA के बारे में
- इस समझौता पर अगस्त 2009 में हस्ताक्षर किए गए थे। यह समझौता 01 जनवरी, 2010 को लागू हुआ।
- इसके लागू होने से दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया में विश्व के एक बड़े मुक्त व्यापार क्षेत्र के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ है।
- सदस्य: आसियान के सभी सदस्य देश और भारत।
- आसियान के सदस्य हैं; ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओ पीडीआर, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम।
- महत्त्व: एक संगठन के रूप में आसियान भारत के प्रमुख व्यापार भागीदारों में से एक है।
- भारत के वैश्विक व्यापार में आसियान की लगभग 11% हिस्सेदारी है।
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- संयुक्त समिति की छठी बैठक
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बाल्बेक और टायर
लेबनान में मौजूद यूनेस्को सांस्कृतिक विरासत स्थल बाल्बेक, टायर और अंजार बार-बार होने वाले हमलों से खतरे में पड़ रहे हैं।
बाल्बेक, टायर और अंजार के बारे में
- बालबेक: बालबेक, अपनी भव्य संरचनाओं के साथ-साथ सर्वोत्कृष्ट शाही रोमन स्थापत्य कला के बेहतरीन नमूनों में से एक है।
- टायर: यह महान फोनीशियन शहर अपनी समुद्री शक्ति के लिए जाना जाता था। यहां के निवासियों ने कैडिज़ और कार्थेज जैसे समृद्ध उपनिवेशों की स्थापना की थी। हालांकि, धर्मयुद्धों के अंत में इस शहर की ऐतिहासिक भूमिका में गिरावट आ गई थी।
- एक किंवदंती के अनुसार, बैंगनी रंग की खोज टायर शहर में हुई थी।
- अंजार: अंजार शहर की स्थापना 8वीं सदी की शुरुआत में खलीफा वालिद प्रथम ने की थी। अंजार का नियमित लेआउट और इसकी संरचनाएं उमय्यद काल की स्थापत्य कला को उजागर करती हैं। अंजार, अपने खंडहरों के माध्यम से, उस काल की समृद्धि, शासन व्यवस्था, और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का प्रदर्शन करता है। यह उमय्यद काल के दौरान नगर नियोजन का बेहतरीन उदाहरण है।
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- फोनीशियन शहर
- रोमन स्थापत्य कला
- यूनेस्को सांस्कृतिक विरासत
व्यापार और आर्थिक भागीदारी समझौता (TEPA)
हाल ही में, भारत के वाणिज्य सचिव ने भारत तथा यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA) के बीच व्यापार और आर्थिक भागीदारी समझौते (TEPA) के कार्यान्वयन के लिए नॉर्वे की यात्रा की।
यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA) के बारे में
- इसकी स्थापना 1960 में की गई थी।
- यह आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड का एक अंतर-सरकारी संगठन है।
- यह सदस्य देशों के बीच मुक्त व्यापार और आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा देता है।
- भारत-EFTA के मध्य TEPA के बारे में
- इस पर मार्च 2024 में हस्ताक्षर किए गए थे।
- उद्देश्य: अगले 15 वर्षों में भारत में 100 बिलियन अमरीकी डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश करना और प्रत्यक्ष रोजगार के 1 मिलियन अवसर पैदा करना।
- समझौते में वस्तुओं से संबंधित बाजार पहुंच, रूल ऑफ ओरिजिन, व्यापार सुविधा, व्यापार उपाय, सैनिटरी और फाइटोसैनिटरी उपाय, व्यापार में तकनीकी बाधाएं, सेवाओं के मामले में बाजार पहुंच, बौद्धिक संपदा अधिकार आदि पर जोर दिया गया है।
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- TEPA
- EFTA
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प्रोजेक्ट वीर गाथा
प्रोजेक्ट वीर गाथा 4.0 में सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के 1.76 करोड़ से अधिक स्कूली छात्रों ने भाग लिया।
प्रोजेक्ट वीर गाथा के बारे में
- मंत्रालय: यह रक्षा मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय की एक संयुक्त पहल है।
- प्रारंभ: इसे 2021 से आयोजित किया जा रहा है।
- उद्देश्य: स्कूली छात्रों के अंदर देशभक्ति की भावना पैदा करना। इसके लिए छात्रों को वीरता पुरस्कार जीतने वाले वीर पुरुषों की वीरता, निस्वार्थ बलिदान और साहस की प्रेरक कहानियां तथा जीवन की गाथा सुनाई जाती है।
- दायरा: यह प्रोजेक्ट सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सभी स्कूलों के साथ-साथ CBSE से संबद्ध सभी स्कूलों के लिए भी खुला है।
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- प्रोजेक्ट वीर गाथा
- रक्षा मंत्रालय
क्वांटम टनलिंग
हाल ही में, वैज्ञानिकों ने ऑप्टिकल ट्विजर्स का उपयोग करते हुए क्वांटम टनलिंग के माध्यम से परमाणुओं को एक स्थान से दूसरे स्थान पर नियंत्रित तरीके से स्थानांतरित करने में सफलता हासिल की है।
- ऑप्टिकल ट्विजर्स को लेजर ट्रैप के रूप में भी जाना जाता है। यह एक उन्नत उपकरण है, जो केंद्रित लेजर बीम का सूक्ष्म ऑब्जेक्ट्स (जैसे कोशिकाओं) को ट्रैप करने और उनमें हेरफेर करने के लिए उपयोग करता है।
क्वांटम टनलिंग के बारे में
- क्वांटम टनलिंग क्वांटम यांत्रिकी में एक विशिष्ट परिघटना है, जिसमें एक कण संभावित ऊर्जा अवरोध को पार कर सकता है, भले ही उसकी गतिज ऊर्जा उस अवरोध को पार करने के लिए अपर्याप्त हो।
- यह परिघटना क्वांटम स्तर पर कणों की तरंग जैसी प्रकृति के कारण संभव होती है।
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दिव्यांग-जनों के लिए पदों की पहचान हेतु दिशा-निर्देश
केंद्र सरकार ने दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 के अनुरूप दिव्यांग-जनों से भरे जाने वाले पदों की पहचान के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
- इसका उद्देश्य दिव्यांग-जनों के नियोजन में समावेशिता, निष्पक्षता और एकरूपता सुनिश्चित करना है।
रिपोर्ट के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर
- पदों की पहचान: न्यूनतम 40% दिव्यांगता वाले व्यक्तियों के लिए उपयुक्त पदों की समय-समय पर समीक्षा और पहचान अनिवार्य है।
- पदोन्नति हेतु पदों को आरक्षित करना: यदि कोई पद दिव्यांग-जनों के लिए उपयुक्त माना जाता है, तो उससे जुड़े सभी पदोन्नति वाले पद भी दिव्यांगजनों के लिए आरक्षित रहेंगे।
- समितियों का गठन: मंत्रालय और विभाग सभी पदों का आकलन करके दिव्यांग-जनों के लिए उपयुक्त पदों की पहचान हेतु समितियों का गठन करेंगे।
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- दिव्यांग-जनों के लिए पदों की पहचान
- दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016