आकस्मिक चुनाव (Snap election) एक ऐसा चुनाव होता है, जिसका आयोजन निर्धारित चुनाव से पहले अप्रत्याशित रूप से किया जाता है। इसका आयोजन अक्सर किसी विशिष्ट राजनीतिक अवसर का लाभ उठाने या संसद में गतिरोध को हल करने के लिए किया जाता है।
जर्मन की चुनाव प्रणाली कैसे काम करती है?
- मिश्रित सदस्य आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली: जर्मन चुनावी प्रणाली बहुमत या "फर्स्ट-पास्ट-द-पोस्ट" प्रणाली (प्रथम वोट) और लैंडर (दूसरे वोट) में पार्टी सूचियों के लिए वोटों के आधार पर आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली का मिश्रित रूप है।
- बुंदेस्टैग (संसद का निम्न सदन) के 299 सदस्य प्रथम वोट से और बाकी सदस्य दूसरे वोट से चुने जाते हैं।
- चांसलर का चयन: जर्मन नागरिक चांसलर का चुनाव प्रत्यक्ष रूप से नहीं करते हैं, इसकी बजाय, वे हर चार साल में संसद के सदस्य चुनते हैं। ये सदस्य बाद में चांसलर का चुनाव करते हैं।
- दोहरी मतदान प्रणाली: इसके तहत प्रत्येक मतदाता के पास 2 वोट होते हैं। पहला वोट निर्वाचन क्षेत्रों में से किसी एक में व्यक्तिगत उम्मीदवार हेतु होता है, जो बहुमत प्रणाली के आधार पर चुना जाता है। दूसरा वोट लैंडर में पार्टी सूची के लिए दिया जाता है।
- ओवरहैंग सीटें: यदि कोई पार्टी बहुमत प्रणाली (पहले वोट) में दूसरे वोट के परिणामों से अधिक सीटें जीत जाती है, तो वह पार्टी अतिरिक्त सीटें रख लेती है। इन अतिरिक्त सीटों को "ओवरहैंग सीटें" कहा जाता है।
- बैलेंस सीटें: ऐसे मामलों में जहां कुछ पार्टियों को ओवरहैंग सीटें मिलती हैं, तो देश भर में सभी पार्टियों के वोटों के हिस्से की पूर्ण आनुपातिकता सुनिश्चित करने के लिए "बैलेंस सीटें" अन्य पार्टियों को दे दी जाती हैं।
चांसलर का चुनाव
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