Select Your Preferred Language

Please choose your language to continue.

भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) ने दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायाधीश के आचरण की आंतरिक जांच शुरू की | Current Affairs | Vision IAS
News Today Logo

भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) ने दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायाधीश के आचरण की आंतरिक जांच शुरू की

Posted 26 Mar 2025

14 min read

यह आंतरिक जांच तीन सदस्यीय समिति द्वारा की जाएगी। इस समिति में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट और हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश तथा कर्नाटक हाई कोर्ट का एक न्यायाधीश शामिल होगा। 

न्यायपालिका की आंतरिक जांच प्रक्रिया के बारे में

  • उत्पत्ति: इसकी उत्पत्ति सी. रविचंद्रन अय्यर बनाम न्यायमूर्ति ए.एम. भट्टाचार्जी (1995) मामले के दौरान हुई थी। इसे न्यायिक कदाचार से निपटने के लिए कानून में कमी को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट द्वारा लागू किया गया था। इसे ऐसे मामलों में लागू किया जाता है, जो बहुत गंभीर प्रकृति के नहीं होते यानी ऐसे मामले नहीं होते जिनसे संविधान के अनुच्छेद 124 के तहत सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट (अनुच्छेद 217) के किसी न्यायाधीश को पद से हटाया जा सके। ये ऐसे मामले होते हैं, जो न्यायिक पद के मानकों के साथ असंगत होते हैं। 
    • वर्ष 2014 में, अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश 'एक्स' बनाम रजिस्ट्रार जनरल, मध्य प्रदेश हाई कोर्ट (2014) मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सात-चरणीय "आंतरिक जांच प्रक्रिया" निर्धारित की थी।
  • प्रक्रिया
    • शुरूआत: शिकायत हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) या राष्ट्रपति के पास दर्ज की जा सकती है। हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश एवं राष्ट्रपति शिकायत को CJI के पास भेजते हैं।
    • प्रारंभिक समीक्षा: यदि आरोप विश्वसनीय पाए जाते हैं, तो CJI संबंधित हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से प्रारंभिक रिपोर्ट मांग सकता है।
    • आगे की जांच:
      • यदि हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश आगे की जांच की सिफारिश करता है, तो CJI तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन करता है। समिति में अन्य हाई कोर्ट्स से दो मुख्य न्यायाधीश और एक न्यायाधीश शामिल होते हैं। 
        • समिति प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत (जैसे- आरोपी न्यायाधीश को अपना पक्ष प्रस्तुत करने की अनुमति देना) का पालन करते हुए अपनी स्वयं की प्रक्रिया तैयार कर सकती है।
    • परिणाम:
      • समिति CJI के साथ-साथ आरोपी न्यायाधीश को भी अपनी रिपोर्ट सौंपती है। यदि समिति आरोपों को गंभीर मानती है, तो CJI आरोपी न्यायाधीश को त्याग-पत्र देने या सेवानिवृत्त होने की सलाह देंगे।
        • यदि आरोपी न्यायाधीश ऐसा करने से इनकार करता है, तो CJI हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को आरोपी न्यायाधीश को न्यायिक कार्य नहीं करने देने का निर्देश देगा। साथ ही, राष्ट्रपति और प्रधान मंत्री को न्यायाधीश को हटाने की कार्यवाही शुरू करने के लिए सूचित करेगा। 

भारतीय संविधान के अंतर्गत न्यायाधीशों को पद से हटाने की कार्यवाही

  • अनुच्छेद 124(4): सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश को पद से हटाने का प्रावधान किया गया है।
  • अनुच्छेद 217: यह हाई कोर्ट के न्यायाधीश को पद से हटाने का प्रावधान करता है।
  • आधार: सिद्ध कदाचार और अक्षमता। हालांकि, इसे संविधान में परिभाषित नहीं किया गया है।
  • प्रक्रिया: यह न्यायाधीश जांच अधिनियम (1968) द्वारा विनियमित है।
  • Tags :
  • न्यायपालिका
  • अनुच्छेद 124(4)
  • अनुच्छेद 217
  • तिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश 'एक्स' बनाम रजिस्ट्रार जनरल, मध्य प्रदेश हाई कोर्ट (2014)
  • आंतरिक जांच प्रक्रिया
Watch News Today
Subscribe for Premium Features