भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा अखिल महिला जलयात्रा अभियान
भारतीय सशस्त्र बलों, जिनमें थल सेना, नौसेना और वायु सेना शामिल हैं, की एक महिला टीम द्वारा एक अभूतपूर्व अभियान शुरू किया जाएगा, जिसका लक्ष्य भारतीय सेना नौकायन पोत (IASV) त्रिवेणी पर सवार होकर विश्व का चक्कर लगाना है।
टीम संरचना और प्रशिक्षण
- टीम में 10 महिला अधिकारी शामिल हैं:
- सेना से 5
- नौसेना से 1
- वायु सेना से 4
- प्रशिक्षण ढाई वर्ष तक चला, जिसमें निम्नलिखित शामिल थे:
- नेविगेशन और संचार
- स्कूबा डाइविंग
- बुनियादी चिकित्सा और प्राथमिक चिकित्सा
- संकट से निपटना
- थकान प्रबंधन
- मौसम की रीडिंग और यांत्रिक कार्य
- इसमें सेशेल्स के लिए 10,000 समुद्री मील की दूरी तय करने वाला एक प्रशिक्षण अभियान भी शामिल था
महत्व और नेतृत्व
- स्क्वाड्रन लीडर श्रद्धा राजू इस टीम का हिस्सा हैं, जिनके पास तकनीकी अधिकारी के रूप में 11 वर्षों का अनुभव है।
- लेफ्टिनेंट कर्नल अनुजा वरुडकर ने अभियान का नेतृत्व किया, जिसमें उन्होंने सेनाओं के बीच तालमेल पर जोर दिया और नारी शक्ति पर प्रकाश डाला।
अभियान विवरण
- तय की जाने वाली दूरी: 21,600 समुद्री मील
- 11 सितंबर से शुरू होने वाला है
- अवधि: 8 से 9 महीने
- मुख्य बिंदु:
- भूमध्य रेखा को दो बार पार करना
- तीन महान केपों का भ्रमण: केप लीउविन, केप हॉर्न और केप ऑफ गुड होप
- ड्रेक पैसेज से होकर गुजरने वाला चुनौतीपूर्ण मार्ग, जो उबड़-खाबड़ समुद्र के लिए जाना जाता है
- चार विदेशी बंदरगाहों की योजनाबद्ध यात्राएँ: ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड, अर्जेंटीना और दक्षिण अफ्रीका
- मई 2026 में मुंबई वापसी
पोत और राजनयिक जुड़ाव
- त्रिवेणी 50 फुट की स्वदेश निर्मित नौका है, जो आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक है
- आधुनिक नेविगेशन और संचार प्रणालियों से सुसज्जित
- 8 वर्षों के अनुभव वाली नौसेना निर्माणकर्ता लेफ्टिनेंट कमांडर प्रियंका गुसाईं ने राजनयिक संबंधों को मजबूत करने में अभियान की भूमिका पर प्रकाश डाला।