दिल्ली में महिला सुरक्षा: नारी 2025 रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष
राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा जारी राष्ट्रीय वार्षिक रिपोर्ट एवं महिला सुरक्षा सूचकांक (NARI) 2025 में, 2012 की बस सामूहिक बलात्कार की घटना के 13 वर्ष बाद, दिल्ली में महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण सुरक्षा चिंताओं पर प्रकाश डाला गया है।
सर्वेक्षण का दायरा और निष्कर्ष
- सर्वेक्षण में भारत भर के 31 शहरों की 12,770 महिलाएं शामिल थीं।
- महिला सुरक्षा सूचकांक में दिल्ली 28वें स्थान पर है, जो सुरक्षा सुनिश्चित करने में खराब प्रदर्शन को दर्शाता है।
- दिल्ली में 31% महिलाओं ने बताया कि उनके लिए महिला-अनुकूल अवसंरचना न्यूनतम या नगण्य है, जबकि राष्ट्रीय औसत 23% है।
दिल्ली में सुरक्षा संबंधी चिंताएँ
- दिल्ली में 41% महिलाएं सुनसान जगहों पर असुरक्षित महसूस करती हैं।
- अप्रकाशित क्षेत्र, उच्च अपराध दर और सार्वजनिक व्यवहार सुरक्षा के प्रति भय को बढ़ाते हैं।
- रात में सुरक्षा की भावना काफी कम हो जाती है, 8% लोग दिन में असुरक्षित महसूस करते हैं और 35% लोग अंधेरे के बाद असुरक्षित महसूस करते हैं।
सार्वजनिक स्थानों पर उत्पीड़न
- दिल्ली में उत्पीड़न राष्ट्रीय औसत से अधिक प्रचलित है, जहां 12% महिलाएं उत्पीड़न का अनुभव करती हैं, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह आंकड़ा 7% है।
- दिल्ली में उत्पीड़ित लोगों में से 61% को दो बार से अधिक इसका सामना करना पड़ा, जो बार-बार होने वाले अपराधों से निपटने में प्रणालीगत समस्याओं का संकेत है।
- उत्पीड़न के सामान्य स्थल निम्नलिखित हैं:
- पड़ोस के क्षेत्र (34%)
- परिवहन सुविधाएं (32%)
प्रस्तावित समाधान
- 51% महिलाओं ने पुलिस व्यवस्था बढ़ाने की मांग की।
- 17% ने समय पर और उचित पुलिस कार्रवाई की आवश्यकता पर बल दिया, तथा वर्तमान कानून प्रवर्तन के प्रति असंतोष को उजागर किया।