मेट कोक आयात में अग्रिम प्राधिकरण योजना का दुरुपयोग
घरेलू मेट कोक विनिर्माताओं ने आयातकों द्वारा अग्रिम प्राधिकरण योजना के कथित दुरुपयोग पर चिंता जताई है। इस योजना का उद्देश्य निर्यात के लिए आयात को सुगम बनाना है, लेकिन आयातक कथित तौर पर आयातित कोयले का उपयोग घरेलू इस्पात उत्पादन के लिए कर रहे हैं।
मेट कोक और इस्पात उत्पादन
- मेट कोक: इस्पात उत्पादन में एक प्रमुख फीडस्टॉक।
- उत्पादन अनुपात: एक टन स्टील के लिए 0.5 टन मेट कोक की आवश्यकता होती है।
- भारत का कच्चा इस्पात उत्पादन: लगभग 160 मिलियन टन, जिसके लिए 80 मिलियन टन मेट कोक की आवश्यकता होगी।
आरोप और चिंताएँ
- इस्पात निर्यात: भारत 5 मिलियन टन से अधिक इस्पात का निर्यात नहीं करता है, जिससे पता चलता है कि आयातित कोक का एक महत्वपूर्ण हिस्सा घरेलू स्तर पर उपयोग किया जाता है।
- मेट कोक आयात: भारत प्रतिवर्ष 2.8 मिलियन टन मेट कोक का आयात करता है।
भारतीय धातुकर्म कोक विनिर्माता संघ (IMCOM) (संयोजक- राज अग्रवाल) प्रथाओं की जांच की मांग कर रहा है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि योजना का इच्छित उद्देश्य बरकरार रहे।