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आर्थिक समीक्षा 2024-25: प्रस्तावना (Economic Survey 2024-25: Preface) | Current Affairs | Vision IAS
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आर्थिक समीक्षा 2024-25: प्रस्तावना (Economic Survey 2024-25: Preface)

Posted 18 Sep 2025

1 min read

  • मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन द्वारा तैयार किए गए आर्थिक समीक्षा 2024-25 में गैर-विनियमन (Deregulation) को घरेलू आर्थिक संवृद्धि और आर्थिक स्थिरता के लिए एक प्रमुख कारक के रूप में दर्शाया गया है।
  • गैर-विनियमन को व्यवसाय करने की लागत को कम करने, नवाचार को बढ़ावा देने और रोजगार के अवसर सृजित करने के एक साधन के रूप में प्रस्तुत किया गया है।

वैश्विक राजनीतिक और आर्थिक परिदृश्य

  • 2024 के प्रमुख चुनाव परिणाम: भारत की मौजूदा सरकार तीसरी बार पुनर्निर्वाचित हुई, जिससे राजनीतिक स्थिरता को बढ़ावा मिला है।
    • संयुक्त राज्य अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनावों में सत्ता परिवर्तन हुआ, जबकि इंडोनेशिया में सत्तारूढ़ दल नए नेतृत्व के साथ सत्ता में बना रहा।
  • यूरोप में अनिश्चितताएं: जर्मनी दो वर्षों से लगातार आर्थिक संकुचन का सामना कर रहा है, और आगामी चुनाव के बाद शायद राजनीतिक अस्थिरता बढ़ सकती है।
    • फ्रांस में आकस्मिक चुनावों के कारण अस्थिरता बनी रही, जबकि यू.के. में राजकोषीय दबावों के बीच लेबर पार्टी सत्ता में आ गई।
    • यूरोप उच्च ऊर्जा लागत और अक्षय ऊर्जा को अपनाने से उत्पन्न प्रतिस्पर्धात्मकता के दबाव का सामना कर रहा है।
  • चीन में आर्थिक गिरावट या मंदी: कोविड-19 महामारी के बाद की आर्थिक पुनर्बहाली उम्मीद के मुताबिक नहीं रही, ओवरकैपेसिटी और रियल एस्टेट संकट ने मंदी का दबाव बढ़ाया है।
    • चीन के निर्यात में वृद्धि हुई है, जिससे 2024 में व्यापार अधिशेष 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के करीब पहुंच गया है।

भारत के लिए चुनौतियां और अवसर

  • वैश्विक आर्थिक गिरावट या मंदी का प्रभाव: वैश्विक स्तर पर ग्लोबलाइजेशन में गिरावट होने से भारत के निर्यात आधारित उद्योगों पर बुरा असर पड़ा है।
    • घरेलू आर्थिक संवृद्धि को बढ़ावा देने के लिए निवेश और उदारीकरण जैसे उपायों की आवश्यकता है।
  • जनसांख्यिकीय लाभ और जिम्मेदारी: यूरोप में वृद्धजनों की बढ़ती आबादी के विपरीत, युवाओं की एक बड़ी आबादी भारत के लिए अवसर प्रदान करती है। हालांकि, इस अवसर का लाभ उठाने के लिए भारत को रोजगार सृजन और कौशल विकास में निवेश करने की जरूरत है।
  • महत्वपूर्ण क्षेत्रकों पर निर्भरता: भारत में सौर ऊर्जा जैसे क्षेत्रकों से जुड़े आवश्यक घटकों के उत्पादन की क्षमता सीमित है। इस कारण चीन की आपूर्ति श्रृंखला पर भारत की निर्भरता बढ़ जाती है।
    • इसके लिए घरेलू विनिर्माण क्षमताओं को बेहतर बनाने और आयातों में विविधता लाने की आवश्यकता है।

रणनीतिक आर्थिक फोकस क्षेत्र

  • निवेश और आपूर्ति श्रृंखला में लचीलापन: भारत की प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता में वृद्धि करने और नवाचार-क्षमता बढ़ाने के लिए घरेलू एवं विदेशी निवेश आकर्षित करना आवश्यक है।
    • इसके लिए आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करते हुए अल्पकालिक लागत कारकों से आगे सोचने की जरूरत है।
  • जलवायु परिवर्तन और एनर्जी ट्रांजिशन: ऊर्जा सुरक्षा और वहनीयता को सतत विकास नीतियों के साथ संतुलित करने की आवश्यकता है।
    • इलेक्ट्रिक मोबिलिटी आर्थिक लाभ प्रदान कर सकती है, लेकिन आयात पर अत्यधिक निर्भरता इसमें एक प्रमुख चुनौती है।
    • निजी इलेक्ट्रिक वाहनों की तुलना में सार्वजनिक परिवहन को अपनाना अधिक कुशल विकल्प माना जा रहा है।
  • कृषि और ग्रामीण विकास: इसके लिए फसल विविधीकरण को बढ़ावा देना और जल-गहन फसलों पर निर्भरता को कम करना आवश्यक है।
    • सिंचाई कवरेज में सुधार और कृषि अनुसंधान में निवेश करना चाहिए ताकि उत्पादकता में वृद्धि की जा सके।

गैर-विनियमन: आर्थिक संवृद्धि के लिए उत्प्रेरक

  • व्यवसाय की लागत में कमी करना: व्यवसाय की लागत को कम करने और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए गैर-विनियमन को एक अनिवार्य घटक माना गया है।
  • अनुपालन संबंधी अनिवार्यताओं को सरल बनाना: इसके लिए सूक्ष्म प्रबंधन से हटकर जोखिम-आधारित विनियमों को अपनाने की सिफारिश की गई है, जिससे व्यवसायों पर विनियामकीय नियमों के पालन का बोझ कम होगा।
    • विनियामकीय दृष्टिकोण में "निर्दोष साबित होने तक दोषी मानने" के बजाय "जब तक दोषी साबित न हो जाए निर्दोष मानने" के सिद्धांत को अपनाने की आवश्यकता है।
  • नवाचार को बढ़ावा देना: सरकारी हस्तक्षेप को कम किया जाना चाहिए ताकि व्यवसायों को उनके मुख्य कार्यों पर ध्यान केंद्रित करने का अवसर मिल सके।
    • नवाचार और आर्थिक संवृद्धि को बढ़ावा देने के लिए, राज्य और निजी क्षेत्रक के मध्य आपसी विश्वास बढ़ाने की आवश्यकता है।

निष्कर्ष: भारत के लिए आगे की राह

  • आर्थिक समीक्षा 2024-25 में भारत की आर्थिक संवृद्धि को बढ़ावा देने के लिए एक रोडमैप प्रस्तुत किया गया है। इसमें गैर-विनियमन, महत्वपूर्ण क्षेत्रों में निवेश और संतुलित एनर्जी ट्रांजिशन पर जोर दिया गया है।
  • सरकार की मुख्य भूमिका आर्थिक संवृद्धि को सक्षम बनाने वाला परिवेश निर्मित करना है, जबकि व्यवसायों से नवाचार और उत्पादकता बढ़ाने की अपेक्षा की जाती है।
  • भविष्य की आर्थिक समीक्षा डॉक्यूमेंट में सुधार के लिए निरंतर फीडबैक आमंत्रित किए गए हैं, ताकि इसे शैक्षणिक अध्ययन सामग्री और व्यावहारिक नीति निर्माण मार्गदर्शिका के रूप में विकसित किया जा सके।
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  • आर्थिक समीक्षा 2024-25: प्रस्तावना
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