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निवेश और अवसंरचना: अनवरत रहे (⁠Investment and Infrastructure: Keeping It Going) | Current Affairs | Vision IAS
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निवेश और अवसंरचना: अनवरत रहे (⁠Investment and Infrastructure: Keeping It Going)

Posted 18 Sep 2025

1 min read

परिचय

  • पिछले पांच वर्षों में सरकार का मुख्य ध्यान बुनियादी ढांचे (भौतिक, डिजिटल और सामाजिक) पर सार्वजनिक खर्च बढ़ाने और अनुमोदन तथा संसाधन जुटाने में तेजी लाने पर था। 
  • वित्त वर्ष 2020 से वित्त वर्ष 2024 तक प्रमुख बुनियादी ढांचा क्षेत्रकों पर केंद्र सरकार का पूंजीगत व्यय 38.8% की दर से बढ़ा है। 

अवसंरचना क्षेत्रकों में विकास

भौतिक अवसंरचना

रेलवे क्षेत्रक

वर्तमान स्थिति

  • अप्रैल-अक्टूबर 2024 के बीच, 17 नई वंदे भारत ट्रेन रेलवे नेटवर्क में शामिल की गईं। 
  • 91 गति शक्ति मल्टी-मॉडल कार्गो टर्मिनल चालू किया गया। 
  • भारतीय रेलवे ने 2029-30 तक 30 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा का लक्ष्य रखा है।

महत्वपूर्ण पहलें  

  • स्वचालित ब्लॉक सिग्नलिंग: इसे उच्च घनत्व वाले मार्गों पर क्षमता बढ़ाने के लिए स्थापित किया गया है। 
  • मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल परियोजना: इसे 2015 में स्वीकृत किया गया था। 508 किलोमीटर की इस परियोजना को जापान द्वारा समर्थित किया गया था। 

सड़क क्षेत्रक 

वर्तमान स्थिति 

  • भारत में कुल 63.4 लाख कि.मी. का सड़क नेटवर्क है। इसमें 146,195 कि.मी. का राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) नेटवर्क शामिल है। राष्ट्रीय राजमार्ग कुल सड़क माल यातायात का लगभग 40% वहन करता है। 
  • वित्तीय वर्ष 2025 में 5853 कि.मी. राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण किया गया। 

महत्वपूर्ण पहलें   

  • भारतमाला परियोजना: यह 2017 में लॉन्च की गई थी। इसका लक्ष्य 34,800 कि.मी. राष्ट्रीय राजमार्ग विकसित करना है। 
    • 2024 तक, लगभग 76% परियोजनाएँ (26,425 कि.मी.) आवंटित की जा चुकी हैं और 18,926 कि.मी. का निर्माण किया जा चुका है।
  • मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क (MMLP): दिसंबर 2024 तक, चेन्नई, इंदौर, नागपुर, जालना, जोगीघोपा और बैंगलोर में छह MMLP प्रदान किए गए हैं। 

नागरिक उड्डयन क्षेत्रक

वर्तमान स्थिति

  • हवाई अड्डे की कार्गो हैंडलिंग क्षमता धीरे-धीरे बढ़ रही है, जो वित्त वर्ष 2024 में 8.0 मिलियन मीट्रिक टन तक पहुंच गई है।

महत्वपूर्ण पहलें 

  • उड़ान योजना: दो वाटर एयरोड्रोम्स और 13 हेलीपोर्ट सहित 88 हवाई अड्डों को जोड़ने वाले 619 मार्ग अब तक शुरू किए जा चुके हैं। 

बंदरगाह, पोत परिवहन और अंतर्देशीय जलमार्ग क्षेत्रक

वर्तमान स्थिति 

  • परिचालन दक्षता में सुधार और प्रमुख बंदरगाहों में औसत कंटेनर टर्नअराउंड समय में कमी {वित्त वर्ष 2014 में 48.1 घंटे से वित्त वर्ष 2015 (अप्रैल-नवंबर) के दौरान 30.4 घंटे}। 
  • सागरमाला कार्यक्रम के तहत की गई प्रगति यह दर्शाती है कि पोत आधुनिकीकरण और बंदरगाह के नेतृत्व वाले औद्योगीकरण में परियोजना पूर्णता की दर उच्चतम है।

महत्वपूर्ण पहलें

  • चाबहार बंदरगाह और INSTC: चाबहार में शाहिद बेहिश्ती बंदरगाह INSTC के माध्यम से मुंबई को यूरेशिया से जोड़ता है।
    • यह परिवहन लागत और समय को कम करता है। इससे वित्त वर्ष 2014 के लिए जहाज यातायात में 43% की वृद्धि और कंटेनर यातायात में 34% की वृद्धि होती है। 
  • हरित नौका दिशा-निर्देश: इसे 2024 में लॉन्च किया गया था। इसका लक्ष्य अगले दस वर्षों में 1,000 अंतर्देशीय जहाजों को हरित करना है। 

ऊर्जा क्षेत्रक 

विद्युत क्षेत्रक

वर्तमान स्थिति

  • नवंबर 2024 तक स्थापित क्षमता साल-दर-साल 7.2% से बढ़कर 456.7 गीगावॉट हो गई। 
  • भारत की कुल स्थापित क्षमता में नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी अब 47% है।
  • कुल नवीकरणीय ऊर्जा स्थापित क्षमता में सालाना 15.8% की वृद्धि हुई है। यह दिसंबर 2023 के 180.8 गीगावॉट से बढ़कर 209.4 गीगावॉट तक पहुंच गई है।

महत्वपूर्ण पहलें

  • पुनर्निर्मित वितरण क्षेत्रक योजना, प्रधान मंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य), आदि। 

डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर

दूरसंचार क्षेत्रक

वर्तमान स्थिति

  • 31 अक्टूबर, 2024 तक सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 5G सेवाएं शुरू कर दी गई हैं। 

महत्वपूर्ण पहलें 

  • सभी ग्राम पंचायतों और गांवों को ब्रॉडबैंड से जोड़ने के लिए भारत नेट परियोजना शुरू की गई है।

सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्रक

वर्तमान स्थिति

  • नवंबर 2024 तक, राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र मेघराज, GI क्लाउड पहल के तहत अपने क्लाउड पर 1,917 एप्लीकेशन को सपोर्ट प्रदान करता है।
    • मेघराज का उद्देश्य केंद्रीय और राज्य/ केंद्र शासित प्रदेशों के विभागों को क्लाउड कंप्यूटिंग के माध्यम से ICT सेवाएं प्रदान करना है। 
  • ऐसी उम्मीद है कि भारत में डेटा सेंटर बाजार 2023 के 4.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2032 तक 11.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो जाएगा।

ग्रामीण और शहरी अवसंरचना

ग्रामीण पेयजल एवं स्वच्छता क्षेत्रक

स्थिति और पहलें

  • जल जीवन मिशन (2019): 2019 से 12 करोड़ से अधिक परिवारों को पाइप के ज़रिए पेयजल की सुविधा प्रदान की गई है।
    • ऐसे राज्य जिन्होंने ने 100% कवरेज हासिल किया: अरुणाचल प्रदेश, गोवा, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, पंजाब, तेलंगाना और मिजोरम। 
    • ऐसे केंद्रशासित प्रदेश जिन्होंने 100% कवरेज हासिल किया: अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, दादरा नगर हवेली और दमन दीव और पुडुचेरी। 
  • स्वच्छ भारत मिशन चरण II - ग्रामीण (SBM-G): अप्रैल-नवंबर 2024 के दौरान, 1.92 लाख गांवों को मॉडल श्रेणी के तहत क्रमिक रूप से ODF+ घोषित किया गया है। अब ODF+ गांवों की कुल संख्या 3.64 लाख हो गई। 

शहरी क्षेत्रक 

स्थिति और पहलें 

  • प्रधान मंत्री आवास योजना- शहरी (2015): शहरी क्षेत्रों में 89 लाख से अधिक घर पूरे किये गये। 
  • शहरी परिवहन: 29 शहरों में मेट्रो और रैपिड रेल प्रणालियों के शुरू होने या निर्माणाधीन होने से विकास हो रहा है। गौरतलब है कि वर्तमान में 23 शहरों में 1010 कि.मी. चालू स्थिति में है।
  • कायाकल्प और शहरी परिवर्तन के लिए अटल मिशन (अमृत) योजना: इसके तहत, नल के ज़रिए पानी की कवरेज बढ़कर 70% हो गई है। साथ ही, सीवरेज कवरेज बढ़कर 62% हो गया है। 

सामरिक अवसंरचना 

पर्यटन क्षेत्रक

स्थिति और पहलें 

  • तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक संवर्धन अभियान (प्रसाद): इसे चिन्हित तीर्थ स्थलों और विरासत शहरों में पर्यटन संबंधी बुनियादी ढांचे का विकास करने हेतु शुरू किया गया है। 
    • दिसंबर 2024 तक, 48 में से 26 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। 
  • स्वदेश दर्शन योजना 2.0 (2022): इसका उद्देश्य संधारणीय और जिम्मेदार पर्यटन स्थलों का विकास करना है। दिसंबर 2024 तक 76 में से 75 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। 

अंतरिक्ष क्षेत्रक

स्थिति और पहलें 

  • भारत वर्तमान में 19 संचार उपग्रह, 9 नेविगेशन उपग्रह, 4 वैज्ञानिक उपग्रह और 24 पृथ्वी अवलोकन उपग्रह सहित 56 सक्रिय अंतरिक्ष संपत्तियों को संचालित करता है।
  • सरकार के अंतरिक्ष विजन 2047 में चार परियोजनाएं शामिल हैं। 
    • भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन के पहले मॉड्यूल की स्थापना हेतु गगनयान मिशन के तहत कई फॉलो ऑन मिशन। 
    • चंद्रयान-4 लूनर सैंपल रिटर्न मिशन और वीनस ऑर्बिटर मिशन
    • अगली पीढ़ी के प्रक्षेपण यान का विकास। 

उच्च संवृद्धि दर को बनाए रखने के लिए बुनियादी ढांचे में निवेश बढ़ाने के तरीके 

  • परिवहन आधुनिकीकरण: एकीकृत मल्टी-मॉडल परिवहन के निर्माण संबंधी प्रयासों में तेजी लाने के साथ-साथ मौजूदा भौतिक संपत्तियों का आधुनिकीकरण करना होगा। इसे दक्षता और लास्ट-माइल कनेक्टिविटी में सुधार होगा। 
  • निजी भागीदारी: इससे कार्यक्रम और प्रोजेक्ट प्लानिंग, वित्त-पोषण, निर्माण, रख-रखाव, मुद्रीकरण और प्रभाव मूल्यांकन जैसे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा क्षेत्रकों में तेजी आनी चाहिए। 

एक-पंक्ति में सारांश

कनेक्टिविटी, एनर्जी ट्रांजिशन और डिजिटल परिवर्तन पर ध्यान केंद्रित करते हुए भारत का बुनियादी ढांचा निवेश विकास का एक प्रमुख चालक बना हुआ है, लेकिन भूमि सुधार, वित्तपोषण स्थिरता और निष्पादन गति पर नीतिगत ध्यान देने की आवश्यकता है। 

 

UPSC के लिए प्रासंगिकता

  • अवसंरचना और आर्थिक विकास (GS-3: भारतीय अर्थव्यवस्था, सार्वजनिक निवेश)। 
  • आवास, जल और शहरी विकास के लिए सरकारी योजनाएं (GS-2: शासन, GS-3: अर्थव्यवस्था)। 
  • ऊर्जा सुरक्षा एवं नवीकरणीय ऊर्जा विस्तार (GS-3: पर्यावरण एवं अर्थव्यवस्था)। 
  • निवेश एवं सार्वजनिक-निजी भागीदारी (GS-3: आर्थिक विकास)। 
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