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सेवा: दिग्गजों के समक्ष नई चुनौतियां (Services: New Challenges for the Old War Horse) | Current Affairs | Vision IAS
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सेवा: दिग्गजों के समक्ष नई चुनौतियां (Services: New Challenges for the Old War Horse)

Posted 18 Sep 2025

1 min read

परिचय

  • सेवा क्षेत्रक का कुल सकल मूल्य वर्धन (GVA) में योगदान वित्त वर्ष 2014 के 50.6% से बढ़कर वित्त वर्ष 2025 में 55.3% (प्रथम अग्रिम अनुमान) हो गया है।
  • भारत वैश्विक सेवाओं के कुल निर्यात में 4.3% हिस्सेदारी (2023) के साथ विश्व में 7वें स्थान पर है।
  • सेवा क्षेत्रक लगभग 30% कार्यबल को रोजगार भी प्रदान करता है।

भारत में सेवा क्षेत्रक का प्रदर्शन

  • सेवाएं अप्रत्यक्ष रूप से GDP में भी योगदान देती हैं, जिसे विनिर्माण क्षेत्रक की सेवाकरण प्रक्रिया कहा जाता है; अर्थात, उत्पादन और उत्पादन के बाद मूल्य संवर्धन में सेवाओं का बढ़ता उपयोग।
  • सेवा क्षेत्रक में शामिल हैं: व्यापार, मरम्मत कार्य, होटल और रेस्तरां, परिवहन, भंडारण, संचार एवं प्रसारण, वित्तीय सेवाएं, रियल एस्टेट आदि।

सेवा व्यापार

  • कंप्यूटर सेवाएं और व्यापार सेवाएं भारत के सेवा निर्यात में लगभग 70% का योगदान देती हैं।
  • वित्त वर्ष 2025 में सेवा निर्यात में वृद्धि के मामले में भारत शीर्ष पांच प्रमुख देशों में शामिल है।

लॉजिस्टिक्स और भौतिक कनेक्टिविटी-आधारित सेवाओं में प्रगति

  • रेलवे: भारतीय रेलवे विश्व का चौथा सबसे बड़ा नेटवर्क है। वित्त वर्ष 2024 में यात्री यातायात में 8% की वृद्धि दर्ज की गई थी। वित्त वर्ष 2024 में राजस्व अर्जित करने वाली माल ढुलाई में 5.2% की वृद्धि हुई थी।
  • सड़क परिवहन: यह परिवहन सेवाओं के कुल GVA में 78% (सर्वाधिक) का योगदान करता है।
  • विमानन: भारत वैश्विक स्तर पर सबसे तेजी से बढ़ने वाला विमानन बाजार है।
  • पत्तन, जलमार्ग और पोत परिवहन: भारत ने मैरीटाइम इंडिया विज़न 2030 और मैरीटाइम अमृतकाल विज़न 2047 के जरिए 2047 तक जहाज निर्माण एवं जहाज मरम्मत को विश्व के शीर्ष 5 देशों में शामिल करने का लक्ष्य रखा है।
    • अंतर्देशीय जल परिवहन: भारत में 14,850 कि.मी. की नौगम्य जलमार्ग क्षमता है। इसमें से वर्तमान में 26 परिचालित जलमार्ग लगभग 4,800 कि.मी. से अधिक क्षेत्र में फैले हुए हैं।
  • पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्रक: पर्यटन क्षेत्रक का GDP में योगदान वित्त वर्ष 2023 के 5% तक पहुंचकर फिर से महामारी-पूर्व स्तर पर आ गया है और इससे 7.6 करोड़ नौकरियां सृजित हुई हैं।
    • भारत ने 2023 में विश्व पर्यटन प्राप्तियों में 1.8% हिस्सेदारी अर्जित की और वैश्विक पर्यटन प्राप्तियों में 14वां स्थान प्राप्त किया।
  • रियल एस्टेट: रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण (RERA) के प्रवर्तन के बाद, भारत वैश्विक रियल एस्टेट पारदर्शिता सूचकांक (2024) में 89 देशों में 31वें स्थान पर पहुंच गया है।
  • सूचना प्रौद्योगिकी (IT) सेवाएं: सूचना एवं कंप्यूटर-संबंधी सेवाएं वित्त वर्ष 2013–वित्त वर्ष 2023 के दौरान 12.8% की प्रवृत्ति दर से बढ़ी थीं। इससे इसका कुल GVA में योगदान 6.3% से बढ़कर 10.9% हो गया है।
  • वैश्विक क्षमता केंद्र (GCCs): GCCs भारत के कॉर्पोरेट परिदृश्य को रूपांतरित करने वाले रणनीतिक केंद्र बन रहे हैं और उनकी संख्या वित्त वर्ष 2024 में 1,700 से अधिक हो गई है।
  • दूरसंचार: भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा दूरसंचार बाजार है, भारत में कुल टेली-घनत्व 84% है।
    • भारत विश्व में सबसे सस्ती दर पर डेटा प्रदान करता है और सबसे तेज़ गति से 5G सेवाएं शुरू की हैं।

सेवा क्षेत्रक का राज्यवार प्रदर्शन:

  • वित्त वर्ष 2025 में सेवा क्षेत्रक का योगदान राष्ट्रीय GVA में लगभग 55% है, हालांकि राज्यों के अनुसार इसमें भिन्नता देखी जाती है।
  • वित्त वर्ष 2023 में, कर्नाटक और महाराष्ट्र ने भारत के कुल सेवा क्षेत्रक के सकल राज्य मूल्यवर्धन (GSVA) में >25% योगदान दिया था, जबकि 19 राज्यों का संयुक्त योगदान मात्र 25% रहा।

निष्कर्ष:

  • AI के युग में कुशल डिजिटल और तकनीकी कार्यबल वाली अर्थव्यवस्थाएं विस्तारित होंगी। इससे कार्यबल कौशल विकास अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाएगा।
  • निर्माण और सेवाओं का समर्थन करने के लिए जटिल प्रक्रियाओं एवं विनियमों को सरल बनाना आवश्यक है। इससे भारत वैश्विक चुनौतियों के खिलाफ अधिक प्रतिरोधक बन सकेगा।

एक-पंक्ति में सारांश

भारत का सेवा क्षेत्रक संवृद्धि का प्रमुख चालक बना हुआ है, लेकिन AI जैसे व्यवधान, विनियामक बाधाएं और वैश्विक व्यापार में आने वाले बदलावों के कारण निरंतर विस्तार के लिए रणनीतिक नीतिगत हस्तक्षेप की आवश्यकता है।

 

UPSC के लिए प्रासंगिकता

  • भारत की आर्थिक संवृद्धि में सेवाओं की भूमिका (GS-3: अर्थव्यवस्था, सेवा क्षेत्रक में सुधार)
  • IT और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन  (GS-3: डिजिटल अर्थव्यवस्था, AI और स्वचालन संबंधी चुनौतियां)
  • लॉजिस्टिक और अवसंरचना का विस्तार (GS-3: उद्योग, शहरी विकास)
  • पर्यटन और आतिथ्य विकास (GS-1: संस्कृति, GS-3: आर्थिक विकास)
  • Tags :
  • Logistics
  • Services
  • service exports
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