'विकसित भारत' के लिए मानव पूंजी में चुनौतियाँ
शिक्षा मंत्रालय ने भारत के 'विकसित भारत' के प्रयासों के बीच मानव पूंजी से जुड़ी महत्वपूर्ण चुनौतियों पर प्रकाश डाला है। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित होने वाले मुख्य सचिवों के पाँचवें राष्ट्रीय सम्मेलन में इन चुनौतियों पर विचार किया जाएगा, जिसमें भारत के जनसांख्यिकीय लाभांश का लाभ उठाकर 'भविष्य के लिए तैयार कार्यबल' तैयार करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
वर्तमान परिदृश्य और चुनौतियाँ
- शिक्षा असंतुलन:
- उच्च अपेक्षित वर्षों (13.3 वर्ष) की तुलना में स्कूली शिक्षा के निम्न औसत वर्ष (7.33 वर्ष)।
- कम सकल नामांकन अनुपात (GER), विशेष रूप से माध्यमिक स्तर पर (66.5%)।
- आयु-स्तर में पर्याप्त असमानता के परिणामस्वरूप विषम कक्षाएं बनती हैं।
- स्कूल छोड़ने की दर:
- लगभग 48.9 लाख बच्चों ने कभी नामांकन नहीं कराया तथा 1.42 करोड़ बच्चों ने स्कूल छोड़ दिया।
- आधारभूत स्तर पर स्कूल छोड़ने की दर 3.7%, प्रारंभिक स्तर पर 5.2% तथा माध्यमिक स्तर पर 10.9% है।
- खंडित स्कूल प्रणाली:
- स्कूलों की दस श्रेणियों में एकाधिक प्रवेश प्रक्रियाओं की आवश्यकता होती है।
- सभी स्तरों पर शिक्षण पदों में अधिक संख्या में रिक्तियां।
- सीखने में अंतराल:
- कक्षा 8-9 में केवल 36%-37% बच्चे ही गणितीय दक्षता प्रदर्शित करते हैं।
- 55% से कम छात्र समान ग्रेड में भाषा दक्षता प्रदर्शित करते हैं।
- विशेष आवश्यकता वाले बच्चों का नामांकन मात्र 0.85% है।
निजी स्कूल और वित्त-पोषण
- निजी स्कूल सुधार:
- केवल 5%-10% निजी स्कूलों ने शैक्षिक सुधार लागू किये हैं।
- शिक्षा में निवेश:
- शिक्षा में निवेश को सकल घरेलू उत्पाद के 6% तक बढ़ाने का सुझाव दिया गया।
प्रौद्योगिकी और कार्यबल चुनौतियां
- तकनीकी प्रशिक्षण:
- 2030 तक 100 में से 63 भारतीय श्रमिकों को नई प्रौद्योगिकियों के प्रशिक्षण की आवश्यकता होगी।
- 2027 तक 2.3 मिलियन से अधिक AI आधारित नौकरियों की उम्मीद है, लेकिन केवल 1.2 मिलियन कुशल पेशेवर ही उपलब्ध होंगे।
- उद्योग-अकादमिक अंतराल:
- सहयोग के लिए मानक टेम्पलेट्स का अभाव पाठ्यक्रम वितरण को प्रभावित करता है।
- कमजोर प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और अस्पष्ट IP अधिकार नवाचार के विस्तार में बाधा डालते हैं।
कुल मिलाकर, इन चुनौतियों का समाधान करना एक कुशल कार्यबल के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण है जो तकनीक-संचालित भविष्य की मांगों को पूरा कर सके।