NHAI ने राजमार्ग परियोजना ठेकेदारों के लिए मानदंड कड़े किए
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने राजमार्ग परियोजनाओं में शामिल ठेकेदारों के लिए कड़े नियम लागू किए हैं। इस पहल का उद्देश्य अनधिकृत उप-ठेकेदारी पर अंकुश लगाना और अपनी विशेषज्ञता से परे परियोजनाएँ हासिल करने के लिए फर्जी प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने वाली फर्मों की पहचान करना है।
प्रमुख बिंदु
- अनधिकृत उपठेका:
- रियायतग्राहियों या बोलीदाताओं द्वारा NHAI की पूर्व स्वीकृति के बिना या अनुमत उपठेका सीमा से अधिक ठेकेदारों को नियुक्त करने के उदाहरण देखे गए हैं।
- ऐसी प्रथाओं को अब 'अवांछनीय प्रथा' के रूप में वर्गीकृत किया गया है तथा इनके लिए धोखाधड़ी वाली प्रथाओं के बराबर दंड का प्रावधान है।
- RFP में स्पष्टीकरण:
- ठेकेदारों के लिए प्रस्ताव हेतु अनुरोध (RFP) में NHAI द्वारा जारी किए गए कई स्पष्टीकरणों का हिस्सा।
- ठेकेदारों और उपठेकेदारों की “अनियंत्रित स्तरीकरण” के बारे में संसदीय लोक लेखा समिति (PAC) द्वारा उठाई गई चिंताओं का समाधान करना।
- अनुभव के लिए प्रकटीकरण मानदंड:
- ठेकेदारों को अब पूर्ण हो चुकी राजमार्ग परियोजनाओं में अनुभव सिद्ध करना होगा, जिनमें वर्तमान परियोजना के समतुल्य प्रमुख घटक शामिल हों।
- तृतीय-पक्ष वित्तीय प्रतिभूतियाँ:
- बोलीदाताओं को अब तीसरे पक्ष द्वारा जारी वित्तीय प्रतिभूतियां प्रस्तुत करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है।
- वित्तीय पारदर्शिता बढ़ाने के लिए केवल बोलीदाता या उसकी अनुमोदित संस्थाओं द्वारा समर्थित प्रतिभूतियों को ही स्वीकार किया जाएगा।
पृष्ठभूमि और प्रभाव
कोविड-19 के बाद, लॉकडाउन के दौरान प्रवेश बाधाओं में ढील के कारण राजमार्ग क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है। इन स्पष्टीकरणों से यह सुनिश्चित होगा कि राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाएँ सिद्ध तकनीकी और वित्तीय क्षमता वाले ठेकेदारों को सौंपी जाएँ और परियोजनाओं का क्रियान्वयन बेहतर नियामक निगरानी वाली अधिकृत और जवाबदेह संस्थाओं द्वारा किया जाए।