वित्त पर संसदीय पैनल की रिपोर्ट
वित्त पर संसदीय पैनल ने डिजिटल परिदृश्य में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) की उभरती भूमिका पर अपने सुझावों के संबंध में कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय (MCA) से एक कार्रवाई रिपोर्ट का अनुरोध किया है।
प्रमुख सिफारिशें और अन्य जानकारियाँ
- लोकसभा सांसद भर्तृहरि महताब द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में सेल्फ-प्रेफ़रेंसिंग और प्रीडेटरी प्राइसिंग जैसे मुद्दों से निपटने के लिए एक एक्स-आंटे नियामक फ्रेमवर्क की आवश्यकता पर बल दिया गया है।
- पैनल ने पूछा है कि क्या अंतर-नियामक सामंजस्य के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
- नियामक अराजकता को रोकने और प्रतिस्पर्धा तथा क्षेत्रीय उद्देश्यों को पूरा करने के लिए CCI और अन्य नियामक निकायों, जैसे डेटा संरक्षण प्राधिकरण और इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, के बीच प्रभावी समन्वय अत्यंत महत्वपूर्ण है।
- CCI का लक्ष्य भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था में विश्वास, नवाचार और लचीलापन बढ़ाने के लिए रचनात्मक संवाद और नियामक समन्वय पर जोर देते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के साथ मिलकर काम करना है।
एक्स-आंटे फ्रेमवर्क और डिजिटल प्रतिस्पर्धा विधेयक
- MCA से अपेक्षा की जाती है कि वह डिजिटल बाजारों में प्रतिस्पर्धा-विरोधी आचरण को विनियमित करने के लिए एक एक्स-आंटे फ्रेमवर्क की आवश्यकता का अध्ययन करेगा।
- पैनल का तर्क है कि प्रतिस्पर्धा अधिनियम के अंतर्गत वर्तमान एक्स-आंटे फ्रेमवर्क डिजिटल बाजारों में शक्ति के तेजी से संकेन्द्रण को संबोधित करने के लिए अपर्याप्त है।
- सिफारिशों में DCB की सीमाओं और पदनाम तंत्र को परिष्कृत करना शामिल है, ताकि अनजाने में तेजी से बढ़ती घरेलू कंपनियों पर कब्जा करने से रोका जा सके।
डील वैल्यू थ्रेशोल्ड समीक्षा
- समिति ने वर्तमान सौदा मूल्य सीमा की समीक्षा का आह्वान किया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बड़े निगमों द्वारा MSMEs का अधिग्रहण नियामक जांच के अधीन हो।
निष्कर्ष
पैनल ने CCI के लिए चुस्त बने रहने तथा तकनीकी प्रगति के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए अपनी रणनीतियों और उपकरणों को अनुकूलित करने की आवश्यकता पर बल दिया, जिससे डिजिटल परिदृश्य में प्रतिस्पर्धा कानून का प्रभावी प्रवर्तन सुनिश्चित हो सके।