भारत का ऑनलाइन गेमिंग बाज़ार
भारत ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र में तेजी से विकास कर रहा है, जिसमें 2025 तक 250,000 नई नौकरियों का अनुमान है। यह विस्तार रोजगार, नवाचार और देश की वैश्विक डिजिटल उपस्थिति में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन और विनियमन विधेयक 2025
- विधेयक में ऑनलाइन मनी गेमिंग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव है, जबकि चुनिंदा रूप से ई-स्पोर्ट्स और कैजुअल गेम्स को प्रोत्साहित किया गया है।
- इसका उद्देश्य व्यसन, उपभोक्ता संरक्षण और धन शोधन जैसे मुद्दों का समाधान करना है।
- आलोचकों का तर्क है कि इससे अनजाने में अवैध सट्टेबाजी को बढ़ावा मिल सकता है और घरेलू गेमिंग इकोसिस्टम को नुकसान पहुंच सकता है।
चिंता के क्षेत्र
- भारतीय नवप्रवर्तकों को नुकसान:
- ई-स्पोर्ट्स और कैजुअल गेमिंग क्षेत्रों में अंतर्राष्ट्रीय दिग्गज हावी हैं; भारत कौशल-आधारित मनी गेम्स में उत्कृष्ट है।
- रियल-मनी गेमिंग (RMG) में 155 मिलियन उपयोगकर्ता शामिल हैं, जो इसे एक प्रमुख खंड बनाता है।
- इस विधेयक में कौशल-आधारित खेलों को जुए के साथ मिलाने का जोखिम है, जो संविधान के अनुच्छेद 19(1)(जी) का उल्लंघन है।
- वास्तविक धन यांत्रिकी की अनदेखी:
- कैजुअल गेम्स में इन-ऐप खरीदारी और लूट बॉक्स जुए के समान मनोवैज्ञानिक ट्रिगर का उपयोग करते हैं।
- बेल्जियम और नीदरलैंड जैसे देशों ने लूट बॉक्स को जुए के रूप में वर्गीकृत किया है।
- निषेध मुद्दे:
- प्रतिबन्धों से काला बाज़ारी को बढ़ावा मिल सकता है, जिससे विनियमन कठिन हो जाएगा।
- उदाहरण के लिए: RMG प्रतिबंधों के बावजूद 2025 में तेलंगाना में सट्टेबाजी उल्लंघन के 3,900 मामले।
- कौशल बनाम मौका:
- न्यायालय रम्मी जैसे कौशल-आधारित खेलों को जुए से अलग मानते हैं।
- यह विधेयक न्यायिक उदाहरणों की अवहेलना करता है तथा निवेशकों के विश्वास को कम कर सकता है।
- कमज़ोर ढाँचा:
- विधेयक में एक केन्द्रीय नियामक प्राधिकरण का सुझाव दिया गया है, जो पूर्ववर्ती स्व-नियामक मॉडलों के विपरीत है।
- कमजोर समूहों के लिए जिम्मेदार गेमिंग उपायों और सुरक्षा उपायों का आह्वान किया गया।
प्रस्तावित उपाय
- बाधाओं और व्यय सीमाओं के प्रकटीकरण के साथ एक पारदर्शी प्रणाली बनाना।
- नाबालिगों के लिए आयु-उपयुक्त सुरक्षा उपाय और माता-पिता की निगरानी लागू करना।
- स्वतंत्र नियामक निरीक्षण के साथ स्व-नियामक मॉडल अपनाना ।
इसका लक्ष्य भारत को विश्वस्तरीय गेमिंग इकोसिस्टम का केंद्र बनाना है। साथ ही, उपयोगकर्ता सुरक्षा और तकनीकी नवाचार को संतुलित करते हुए आत्मनिर्भर भारत और विकसित भारत के दृष्टिकोण को प्राप्त करना भी इसका उद्देश्य है।