सड़क परिवहन और राजमार्गों में प्रमुख नीतिगत पहल
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भारत के राष्ट्रीय राजमार्गों पर अवसंरचना के विकास और समन्वित शहरी नियोजन के उद्देश्य से कई प्रमुख नीतिगत पहल तैयार कर रहा है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की अध्यक्षता में आयोजित एक परामर्श बैठक में इन पहलों पर सुझाव एकत्र करने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (UT) से विचार-विमर्श किया गया।
परामर्श बैठक की मुख्य बातें
- बैठक में क्षेत्रीय प्राथमिकताओं, प्रशासनिक चुनौतियों और सफल प्रथाओं पर चर्चा करने के लिए राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों के साथ विस्तृत परामर्श किया गया।
- प्रतिभागियों ने यह सुनिश्चित करने के लिए फीडबैक दिया कि नीतियां व्यावहारिक हैं और देश भर के राज्यों और शहरों की आवश्यकताओं को पूरा करती हैं।
शहरी भीड़भाड़ कम करने की नीति
- इसका उद्देश्य 100,000 से अधिक आबादी वाले शहरों से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों पर यातायात की भीड़ को कम करना है।
- इसमें प्रवेश-नियंत्रित रिंग रोड, बाईपास और एलिवेटेड कॉरिडोर के विकास का प्रस्ताव है।
- शहर के विकास को पूरक बनाने और अनियोजित विकास को रोकने के लिए शहरी मास्टर प्लान के साथ एकीकरण पर जोर दिया गया।
राजमार्ग निर्माण में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन
- मंत्रालय राजमार्गों के तटबंधों के निर्माण में शहरी लैंडफिल से निकलने वाले निष्क्रिय अपशिष्ट के उपयोग को बढ़ावा देता है।
- इस दृष्टिकोण का उद्देश्य प्राकृतिक मरदा पर निर्भरता को कम करना, निर्माण लागत को कम करना तथा ठोस अपशिष्ट प्रबंधन चुनौतियों का समाधान करना है।
राज्य सड़क विकास नीति
- उच्च यातायात वाले राज्य राजमार्गों को चार लेन या उससे अधिक लेन में अपग्रेड करने के लिए केंद्रीय सहायता प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया।
- निजी निवेश को आकर्षित करने के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) द्वारा समर्थित केंद्र और राज्यों के बीच लागत-साझाकरण ढांचे का प्रस्ताव।