भारत की पहली पूर्णतः डिजिटल जनगणना
भारत में 2027 में होने वाली आगामी जनगणना एक महत्वपूर्ण परिवर्तन का प्रतीक है, क्योंकि यह देश की पहली पूर्णतः डिजिटल जनगणना होगी।
प्रौद्योगिकी का उपयोग
- लगभग 34 लाख प्रगणक डेटा संग्रहण के लिए अपने व्यक्तिगत स्मार्टफोन पर डेडिकेटेड मोबाइल एप्लिकेशन का उपयोग करेंगे।
- मोबाइल एप्लीकेशन एंड्रॉइड और iOS दोनों प्लेटफॉर्म के लिए अंग्रेजी और क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध होंगे।
- इन ऐप्स को शुरू में 2021 की जनगणना के लिए विकसित किया गया था, लेकिन अब इन्हें तकनीकी प्रगति के अनुरूप अपडेट किया जा रहा है।
डेटा संग्रह और प्रसंस्करण
- प्रगणक एकत्रित आंकड़ों को मोबाइल ऐप के माध्यम से सीधे केंद्रीय सर्वर पर स्थानांतरित करेंगे।
- यदि डेटा कागज पर एकत्र किया जाता है, तो उसे किसी भी आगे की स्कैनिंग या डेटा प्रविष्टि चरण से बचने के लिए एक समर्पित वेब पोर्टल में दर्ज किया जाना चाहिए।
- यह प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि जनगणना डेटा को प्रगणक स्तर पर डिजिटलीकृत किया जाए, जिससे सूचना समय पर उपलब्ध हो सके।
जनगणना के चरण और संचालन
- जनगणना दो चरणों में होगी:
- अप्रैल से सितंबर 2026 तक मकान सूचीकरण कार्य।
- लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड को छोड़कर, जहां यह सितंबर 2026 में शुरू होगा, जनसंख्या गणना फरवरी 2027 में शुरू होगी।
- मकान सूचीकरण चरण के दौरान, आवास की स्थिति, घरेलू सुविधाओं और परिसंपत्तियों के बारे में विवरण एकत्र किया जाएगा।
- घरेलू सदस्यों की जातियों की भी गणना की जाएगी तथा जनता के लिए स्व-गणना का विकल्प भी उपलब्ध होगा।
बजट और विकास
- भारत के महापंजीयक (RGI) ने जनगणना के लिए 14,618.95 करोड़ रुपये के बजट का अनुरोध किया है।
- संपूर्ण प्रक्रिया के लिए एक रियल टाइम निगरानी और प्रबंधन वेबसाइट विकसित की जा रही है।
नवीन सुविधाएँ
- पहली बार जनगणना में डिजिटल लेआउट मैपिंग (DLM) का उपयोग करके सभी भवनों की जियो-टैगिंग शामिल होगी।
- जियो-टैगिंग में भौगोलिक सूचना प्रणाली (GIS) मानचित्र पर प्रत्येक भवन को एक अद्वितीय अक्षांश-देशांतर निर्देशांक प्रदान करना शामिल है।