चिकित्सा शिक्षा विस्तार के लिए चरण-III को मंजूरी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत में स्नातकोत्तर (PG) और स्नातक (UG) चिकित्सा पाठ्यक्रमों की क्षमता बढ़ाने के लिए केंद्र प्रायोजित योजना (CSS) के चरण-III को मंजूरी दे दी है।
मुख्य उद्देश्य और पहल
- मौजूदा राज्य और केंद्र सरकार के मेडिकल कॉलेजों, स्वतंत्र स्नातकोत्तर संस्थानों और सरकारी अस्पतालों को सुदृढ़ और उन्नत बनाना।
- 5,000 पीजी सीटों और 5,023 MBBS सीटों की वृद्धि।
- प्रति सीट 1.50 करोड़ रुपये की बढ़ी हुई लागत सीमा के साथ कार्यान्वयन।
वित्तीय निहितार्थ
- 2025-26 से 2028-29 तक कुल वित्तीय निहितार्थ ₹15,034.50 करोड़ हैं।
- केंद्रीय हिस्सा: ₹10,303.20 करोड़।
- राज्यों का हिस्सा: ₹4,731.30 करोड़।
वर्तमान स्थिति और विकास
- भारत में 808 मेडिकल कॉलेज हैं, जो विश्व स्तर पर सर्वाधिक है, तथा इनमें एमबीबीएस की कुल 1,23,700 सीटें हैं।
- पिछले दशक में 69,352 नई MBBS सीटें जोड़ी गईं, जो 127% की वृद्धि दर्शाती है।
- 43,041 PG सीटें जोड़ी गईं, जो 143% की वृद्धि दर्शाती है।
चुनौतियाँ और भविष्य की योजनाएँ
- स्वास्थ्य सेवा की क्षमता, मांग और सामर्थ्य में क्षेत्रीय असमानताओं को दूर करना।
- प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (PMSSY) के तहत 22 नए एम्स को मंजूरी दी गई।
- योग्य शिक्षण कार्मिकों की संख्या बढ़ाने के लिए संकाय भर्ती हेतु नए नियम।
इस पहल का उद्देश्य डॉक्टरों की समग्र उपलब्धता बढ़ाना और सरकारी चिकित्सा संस्थानों में नई विशेषज्ञताएं शुरू करना है, जिससे देश भर में स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जा सके।