EV चार्जिंग स्टेशनों की तैनाती के लिए परिचालन दिशा-निर्देश
केंद्र सरकार ने पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत पूरे भारत में लगभग 72,300 सार्वजनिक EV चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए दिशा-निर्देशों की घोषणा की है, जिसका बजट 10,900 करोड़ रुपये है, जिसमें से 2,000 करोड़ रुपये विशेष रूप से इस पहल के लिए आवंटित किए गए हैं।
सब्सिडी संरचना
- पूर्ण सब्सिडी स्थान:
- सरकारी परिसर जैसे कार्यालय, आवासीय परिसर, अस्पताल और शैक्षणिक संस्थान, यदि वे चार्जर तक सार्वजनिक पहुंच निःशुल्क उपलब्ध कराते हैं तो उन्हें अपस्ट्रीम अवसंरचना और EV चार्जिंग उपकरण दोनों पर 100% सब्सिडी मिलेगी।
- आंशिक सब्सिडी स्थान:
- राज्य या केंद्र सरकार के स्वामित्व वाले या उनके द्वारा प्रबंधित स्थानों (जैसे- रेलवे स्टेशन, हवाई अड्डे, सार्वजनिक क्षेत्र के OMC, खुदरा दुकानें, मेट्रो स्टेशन) को अपस्ट्रीम अवसंरचना पर 80% और EV आपूर्ति उपकरण लागत पर 70% सब्सिडी मिलेगी।
- राजमार्गों और एक्सप्रेस-वे के साथ-साथ शहरों की सड़कों, शॉपिंग मॉल और बाजार परिसरों के अपस्ट्रीम अवसंरचना पर 80% सब्सिडी दी जाएगी।
- किसी भी स्थान पर बैटरी स्वैपिंग/ चार्जिंग स्टेशनों को अपस्ट्रीम अवसंरचना पर 80% सब्सिडी भी मिलेगी।
कार्यान्वयन और प्रशासन
- भारत सरकार के मंत्रालयों और राज्य/ संघ राज्य क्षेत्र सरकारों सहित पात्र संस्थाएं EV PCS मांग का प्रबंधन करने और भारी उद्योग मंत्रालय को प्रस्ताव प्रस्तुत करने के लिए नोडल एजेंसियों की नियुक्ति के लिए जिम्मेदार हैं।
- भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) इस परियोजना के क्रियान्वयन के लिए परियोजना कार्यान्वयन एजेंसी (PIA) के रूप में कार्य करेगी।
- सब्सिडी संवितरण अनुपालन और प्रदर्शन मानदंडों के आधार पर दो-किश्त प्रणाली का पालन करेगा।
फोकस क्षेत्र
- इस योजना का लक्ष्य दस लाख से अधिक आबादी वाले शहरी केन्द्र, स्मार्ट शहर, मेट्रो से जुड़े उपग्रह कस्बे, राज्यों की राजधानियां तथा उच्च घनत्व वाले राष्ट्रीय एवं राज्य राजमार्ग हैं।
- रेलवे स्टेशनों, हवाई अड्डों और ईंधन खुदरा दुकानों जैसे सार्वजनिक परिवहन केन्द्रों को अवसंरचना के समर्थन के लिए प्राथमिकता दी जाती है।