सरकारी बॉन्ड प्रतिफल और आर्थिक संकेतक
भारत में सरकारी बांड की प्राप्ति विभिन्न आर्थिक कारकों की वजह से पांच महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई, जिसमें उच्च राज्य बांड आपूर्ति और फिच रेटिंग्स द्वारा भारत की रेटिंग को स्थिर दृष्टिकोण के साथ 'BBB-' पर बनाए रखने का निर्णय शामिल है।
बॉन्ड यील्ड को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक
- बेंचमार्क 10-वर्षीय सरकारी बांड का प्रतिफल 6.55% से बढ़कर 6.60% हो गया, जो 27 मार्च के बाद से उच्चतम है।
- राज्य विकास ऋण (SDL) नीलामी में नियोजित राशि से 10,000 करोड़ रुपये अधिक की आपूर्ति देखी गई, जिसके कारण बिकवाली हुई।
- फिच रेटिंग्स ने भारत की सॉवरेन रेटिंग को अपग्रेड नहीं किया, जबकि S&P ग्लोबल रेटिंग्स ने हाल ही में इसे 'BBB' तक अपग्रेड किया था।
- फिच ने मजबूत विकास परिदृश्य और ठोस बाह्य वित्त का हवाला दिया, लेकिन सरकारी वित्त को ऋण की कमजोरी बताया।
राज्य सरकार बांड और आपूर्ति
- 15 राज्यों ने ऋण के माध्यम से 34,150 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाई है, जबकि पहले 20,850 करोड़ रुपये जुटाने की योजना थी।
- 10-वर्षीय SDL पर प्रतिफल अप्रैल के 6.84-6.88% से बढ़कर 19 अगस्त तक 7.09-7.17% हो गया।
- 30-वर्षीय SDL प्रतिफल अप्रैल के आरंभ में लगभग 6.87% था, जो बढ़कर अगस्त में लगभग 7.44% हो गया।