शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organisation: SCO) | Current Affairs | Vision IAS
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शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organisation: SCO)

04 Oct 2025
1 min

In Summary

एससीओ शिखर सम्मेलन में सुरक्षा, संपर्क और अवसरों पर जोर दिया गया, रणनीतिक घोषणाओं को अपनाया गया और लाओस का एक नए साझेदार के रूप में स्वागत किया गया, जिससे क्षेत्रीय सहयोग, आतंकवाद-निरोध, व्यापार और तकनीकी पहलों को बढ़ावा मिला।

In Summary

सुर्ख़ियों में क्यों?

इस वर्ष शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन चीन के तियानजिन में आयोजित किया गया।

शिखर सम्मेलन में भारतीय प्रधान मंत्री का वक्तव्य

प्रधान मंत्री ने कहा कि SCO तीन प्रमुख स्तंभों पर आधारित है: 

  • सुरक्षा (क्षेत्र की सुरक्षा), 
  • कनेक्टिविटी (SCO को 'कनेक्टिविटी' केंद्र के रूप में क्रांतिकारी बनाना) और 
  • अवसर (पारस्परिक अवसरों को बढ़ावा देना)।

 

अन्य संबंधित तथ्य

  • शिखर सम्मेलन तियानजिन घोषणापत्र को अपनाने के साथ संपन्न हुआ।
  • 2025-2026 के लिए SCO की अध्यक्षता किर्गिज गणराज्य को सौंपी गई।
  • SCO सदस्यों ने 2035 तक SCO विकास रणनीति को भी अपनाया।
  • वार्ता भागीदारों और पर्यवेक्षकों का विलय करके एक नई श्रेणी SCO भागीदार देश निर्मित की गई। 
  • लाओस को एक भागीदार देश के रूप में शामिल किया गया। इस प्रकार SCO में अब 27 देश (10 सदस्य + 17 भागीदार) हैं।
  • SCO को स्वतंत्र राष्ट्रों के राष्ट्रमंडल (CIS) में पर्यवेक्षक का दर्जा दिया गया।  

SCO शिखर सम्मेलन के प्रमुख परिणाम

  • सुरक्षा और आतंकवाद-रोधी
    • जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की निंदा की गई।
      • पहलगाम के मुद्दे को इस शिखर सम्मेलन में शामिल किया जाना भारत के लिए एक रणनीतिक जीत है। ऐसा इसलिए है क्योंकि चीन की पुरानी आदत रही है कि वह अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर पाकिस्तान को आलोचना से बचाने का प्रयास करता है।
    • भारत द्वारा प्रस्तावित 'अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक अभिसमय' (Comprehensive Convention on International Terrorism: CCIT) को अपनाने पर जोर दिया गया
      • CCIT 1996 में भारत द्वारा प्रस्तुत की गई एक प्रस्तावित संयुक्त राष्ट्र संधि है। इसका उद्देश्य आतंकवाद के सभी रूपों को आपराधिक कृत्य मानने और उनके उन्मूलन के लिए एक सार्वभौमिक कानूनी ढांचा निर्मित करना है।
    • SCO एंटी-ड्रग सेंटर (मादक पदार्थ-रोधी केंद्र) और सुरक्षा संबंधी खतरों का मुकाबला करने के लिए एक सार्वभौमिक केंद्र स्थापित करने पर समझौता किया गया।
  • वैश्विक गवर्नेंस और व्यापार
    • चीन द्वारा प्रस्तावित ग्लोबल गवर्नेंस इनिशिएटिव (GGI) का समर्थन किया गया।
      • यह पहल संप्रभु समानता, अंतर्राष्ट्रीय कानून के सम्मान और व्यापक परामर्श पर आधारित वास्तविक बहुपक्षवाद का पक्ष-समर्थन करती है तथा तथा पश्चिमी शक्तियों के प्रभुत्व वाले युग से आगे बढ़ने की दिशा में कार्य करती है।
    • SCO निर्यात ऋण और निवेश तंत्र तथा SCO विकास बैंक की स्थापना की दिशा में कदम बढ़ाया गया।
      • SCO विकास बैंक का उद्देश्य पूरे समूह में अवसंरचना और विकास परियोजनाओं को वित्त-पोषित करना है। साथ ही, इसका उद्देश्य यूरेशिया को पश्चिमी वित्तीय संस्थाओं जैसे कि विश्व बैंक के मुकाबले एक गैर-डॉलर (Non-dollar) और कम-शर्तों वाली (Low-conditionality) वित्तीय सहायता वाला विकल्प प्रदान करना भी है।
  • तकनीकी सहयोग
    • SCO सदस्य अब चीन की बेईदोउ उपग्रह प्रणाली (BDS)का उपयोग कर सकते हैं।
      • BDS एक वैश्विक उपग्रह नेविगेशन प्रणाली है, जो दुनिया भर के उपयोगकर्ताओं को पोजिशनिंग, नेविगेशन और टाइमिंग (PNT) सेवाएं प्रदान करेगी। यह संयुक्त राज्य अमेरिका के GPS का एक विकल्प है।
  • अन्य प्रमुख परिणाम
    • भारत के वैश्विक विज़न "एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य" को मान्यता दी गई। साथ ही, समावेशी व सतत विकास को बढ़ावा देने में भारत की नेतृत्वकारी भूमिका को स्वीकार किया गया।
    • भारत ने सांस्कृतिक कूटनीति, लोगों के बीच परस्पर विनिमय और सॉफ्ट पावर को बढ़ाने के लिए एक सभ्यतागत संवाद मंच (Civilisation Dialogue Forum) का प्रस्ताव रखा।

निष्कर्ष

सुरक्षा, प्रौद्योगिकी, आदि में सहयोग को आगे बढ़ाकर, इस शिखर सम्मेलन ने एक अधिक गतिशील और प्रभावी SCO के लिए आधार तैयार किया है। यह सामूहिक हितों को बनाए रखने तथा उभरती हुई वैश्विक एवं क्षेत्रीय चुनौतियों के अनुकूल संगठन को ढालने के लिए सदस्य देशों की साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

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