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आउटलुक स्थिर: फिच ने भारत की रेटिंग बरकरार रखी | Current Affairs | Vision IAS

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आउटलुक स्थिर: फिच ने भारत की रेटिंग बरकरार रखी

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भारत पर फिच रेटिंग्स

फिच रेटिंग्स ने भारत की सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग को स्थिर दृष्टिकोण के साथ 'BBB-' पर बरकरार रखा है, जो कि सबसे निचला निवेश ग्रेड है। यह निर्णय S&P द्वारा भारत की रेटिंग में सुधार के बाद आया है, जो 18 वर्षों में पहली बार हुआ है। फिच ने 2006 से भारत के लिए यही रेटिंग जारी रखी है। 

प्रमुख निष्कर्ष और रेटिंग

  • अमेरिकी टैरिफ से जोखिम: फिच का मानना ​​है कि अमेरिका के साथ सीमित निर्यात के कारण अतिरिक्त अमेरिकी टैरिफ से भारतीय अर्थव्यवस्था को "मामूली" जोखिम हो सकता है। 
  • मूडीज रेटिंग: मूडीज ने 2020 से अपनी रेटिंग 'Baa3' पर बरकरार रखी है, जो फिच के बराबर है।
  • S&P की अपग्रेडिंग: S&P ने हाल ही में भारत की रेटिंग को 'BBB' तक अपग्रेड किया है, जो भारत की लचीलापन और राजकोषीय समेकन को दर्शाता है। 

आर्थिक दृष्टिकोण और चुनौतियाँ 

  • आर्थिक विकास संबंधी परिदृश्य: फिच ने भारत के मजबूत विकास परिदृश्य को स्वीकार किया है, जिसके अनुसार वित्त वर्ष 2026 में विकास दर 6.5% तक पहुंचने की उम्मीद है। 
  • राजकोषीय चिंताएं: उच्च घाटा और ऋण सेवाओं जैसे राजकोषीय मानकों में कमजोरी चिंता का विषय बनी हुई है।
  • टैरिफ का प्रभाव: हालांकि प्रत्यक्ष प्रभाव मामूली हैं, टैरिफ अनिश्चितता व्यापारिक भावना और निवेश को प्रभावित कर सकती हैं।

संभावित विकास चालक 

  • वस्तु एवं सेवा कर सुधार: प्रस्तावित सुधारों से उपभोग को बढ़ावा मिल सकता है और विकास संबंधी कुछ जोखिमों का समाधान हो सकता है। 
  • सार्वजनिक एवं निजी निवेश: मजबूत सार्वजनिक पूंजीगत व्यय और निजी निवेश में वृद्धि से विकास को गति मिलने की उम्मीद है। 
  • अनुकूल जनसांख्यिकी: 6.4% की मध्यम अवधि की संभावित वृद्धि दर का समर्थन करती है। 

राजकोषीय नीति और ऋण 

  • राजकोषीय घाटा: वित्त वर्ष 26 तक सकल घरेलू उत्पाद के 4.4% तक पहुंचने का अनुमान है, वित्त वर्ष 28 तक मामूली गिरावट के साथ 4.1% तक पहुंचने का अनुमान है। 
  • सरकारी ऋण: वित्त वर्ष 2025 में 80.9% से धीरे-धीरे घटकर वित्त वर्ष 2030 तक सकल घरेलू उत्पाद का 78.5% हो जाने की उम्मीद है। 
  • राजकोषीय समेकन: प्रयासों में रुकावट या आर्थिक झटके रेटिंग पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। 

कुल मिलाकर, भारत की आर्थिक वृद्धि की संभावनाएँ मज़बूत हैं, लेकिन राजकोषीय घाटा और बाह्य अनिश्चितता जैसी चुनौतियाँ जोखिम पैदा करती हैं। बेहतर राजकोषीय पारदर्शिता और राजकोषीय समेकन के प्रति प्रतिबद्धता को सकारात्मक रूप से देखा जा रहा है।

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  • Fitch Ratings
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