ऐतिहासिक संदर्भ और महत्व
असम कैबिनेट द्वारा गुवाहाटी में एक नए फ्लाईओवर का नाम 13वीं सदी के कामरूप शासक पृथु के नाम पर रखने का निर्णय, भारत की आत्मा के रक्षक को सम्मान देने के उद्देश्य से लिया गया है। मुख्यमंत्री ने मुहम्मद गोरी के सेनापति बख्तियार खिलजी का मुकाबला करने में पृथु की भूमिका पर प्रकाश डाला। बख्तियार खिलजी ने पूर्वी भारत में विजय अभियान चलाया और नालंदा पर आक्रमण के लिए कुख्यात है।
पृथु का ऐतिहासिक उद्भव
- पृथु को असमिया प्रतीक के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है, जो लाचित बोड़फुकन के समान है, जिन्होंने 1671 में सरायघाट के युद्ध में मुगल सेना को पराजित किया था।
- 1206 ई. में खिलजी के आक्रमण को विफल करने वाले स्थानीय शासक की पहचान स्पष्ट नहीं है। इसका प्रमाण कनाई बरसी बोवा में एक शिलालेख और तबक़त-ए-नासिरी जैसे फ़ारसी इतिहास में बार्टू नामक शासक के उल्लेख पर आधारित है।
- इतिहासकार कनक लाल बरुआ ने 1933 के अपने लेखन में कहा था कि पृथु राजा ने 1206 में खिलजी की सेना को पराजित किया होगा और बाद में गयासुद्दीन इवाज को खदेड़ दिया होगा।