ई-कचरा और बैटरी अपशिष्ट पुनर्चक्रण के लिए प्रोत्साहन योजना
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने महत्वपूर्ण खनिजों के निष्कर्षण हेतु ई-कचरे और बैटरी कचरे के पुनर्चक्रण को बढ़ावा देने हेतु ₹1,500 करोड़ की प्रोत्साहन योजना को मंज़ूरी दे दी है। यह कदम महत्वपूर्ण खनिज क्षेत्र में भारत की आपूर्ति श्रृंखला की सुदृढ़ता को मज़बूत करने के प्रयासों का एक हिस्सा है।
योजना विवरण
- अवधि: यह योजना राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन (NCMM) के तहत 2025-26 से 2030-31 तक छह वर्षों तक चलेगी।
- उद्देश्य: इसका उद्देश्य खनन और अन्वेषण परियोजनाओं के परिणाम आने तक कच्चे माल को सुरक्षित रखने के लिए एक निकट-अवधि समाधान प्रदान करना है।
पात्र फीडस्टॉक
- ई-कचरा
- लिथियम-आयन बैटरी (LIB) स्क्रैप
- अन्य श्रेणियाँ जैसे अनुपयोगी हो चुके वाहनों से उत्प्रेरक परिवर्तक
लाभार्थियों
- बड़े, स्थापित पुनर्चक्रणकर्ता
- छोटे खिलाड़ी और स्टार्ट-अप
वित्तीय परिव्यय का एक-तिहाई हिस्सा स्टार्टअप सहित छोटे और नए पुनर्चक्रणकर्ताओं के लिए निर्धारित किया गया है।
प्रोत्साहन संरचना
- पूंजीगत सब्सिडी: संयंत्र, मशीनरी, उपकरण और संबद्ध उपयोगिताओं पर 20%, निर्दिष्ट समय सीमा के भीतर उत्पादन शुरू करने पर निर्भर।
- विलंबित समय-सीमा के परिणामस्वरूप सब्सिडी कम हो जाएगी।
- परिचालन व्यय सब्सिडी: आधार वर्ष (2025-26) में वृद्धिशील बिक्री से जुड़ी।
- संवितरण: दूसरे वर्ष में 40% और पांचवें वर्ष (2026-27 से 2030-31) में 60%, बिक्री सीमा के अधीन।
प्रोत्साहन सीमा
- बड़ी इकाइयों के लिए ₹50 करोड़
- छोटी इकाइयों के लिए ₹25 करोड़
- अधिकतम परिचालन व्यय सब्सिडी: बड़ी इकाइयों के लिए ₹10 करोड़ और छोटी इकाइयों के लिए ₹5 करोड़
यह योजना नई रीसाइक्लिंग इकाइयों की स्थापना के साथ-साथ मौजूदा इकाइयों के विस्तार, आधुनिकीकरण और विविधीकरण को भी समर्थन देती है।
अपेक्षित परिणाम
- कम-से-कम 270 किलो टन वार्षिक पुनर्चक्रण क्षमता सृजित करना
- लगभग 40 किलो टन महत्वपूर्ण खनिजों का उत्पादन
- ₹8,000 करोड़ का निवेश आकर्षित करना
- लगभग 70,000 प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरियां पैदा होंगी