SRVAs पर आरबीआई नीति अपडेट
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने भारत से बाहर रहने वाले व्यक्तियों द्वारा रखे गए विशेष रुपया वास्ट्रो खातों (SRVA) के संबंध में एक महत्वपूर्ण नीतिगत अपडेट किया है। यह अपडेट इन खाताधारकों को सरकारी प्रतिभूतियों से परे अपने निवेश में विविधता लाने की अनुमति देता है।
प्रमुख परिवर्तन
- निवेश विस्तार:
- SRVAs धारक अब अपने अधिशेष रुपया शेष को कॉर्पोरेट ऋण साधनों जैसे गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर (NCDs), बांड और भारतीय कंपनियों द्वारा जारी वाणिज्यिक पत्रों में निवेश कर सकते हैं।
- उद्देश्य:
- इस कदम का उद्देश्य कॉर्पोरेट बांड बाजार में भागीदारी बढ़ाना है।
- इससे संभावित रूप से उच्चतर रिटर्न की पेशकश करके SRVA को और अधिक आकर्षक बनाने की उम्मीद है।
- विनियामक विचार:
- SRVAs के माध्यम से कॉर्पोरेट ऋण में निवेश को विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) के लिए सामान्य मार्ग सीमा के अंतर्गत गिना जाएगा।
- न्यूनतम अवशिष्ट परिपक्वता और निर्गम-वार सीमाएं जो आमतौर पर एफपीआई पर लागू होती हैं, इन SRVAs-आधारित निवेशों पर लागू नहीं होंगी।
जुलाई 2022 में शुरू की गई SRVAs प्रणाली, भारतीय रुपये में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार लेनदेन की सुविधा प्रदान करती है और यह अपडेट भारत के वित्तीय बाजारों में विदेशी निवेश को और अधिक एकीकृत करने के लिए तैयार किया गया है।