ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन और विनियमन विधेयक, 2025
हाल ही में, संसद द्वारा पारित ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन और विनियमन विधेयक, 2025 ऑनलाइन गेमिंग उद्योग में एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतीक है, जो कौशल और मौका दोनों से जुड़े ऑनलाइन मनी गेम्स पर पूर्ण प्रतिबंध लगाता है।
प्रतिबंध के लिए सरकार का तर्क
- गेमिंग की लत और मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान: सरकार का लक्ष्य गेमिंग की लत और उससे संबंधित मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से निपटना है।
- वित्तीय नुकसान को रोकना: इसमें बताया गया है कि लगभग 45 करोड़ लोग प्रभावित हैं तथा 20,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।
- धोखाधड़ी और धन शोधन की चिंताएं: कुछ प्लेटफॉर्म धोखाधड़ी गतिविधियों और धन शोधन में संलिप्त पाए गए हैं।
प्रतिबंध पर चिंताएँ
- प्रतिबंधों की अप्रभावीता: ऐतिहासिक साक्ष्य बताते हैं कि प्रतिबंध अप्रभावी होते हैं, क्योंकि वे गतिविधियों को अनियमित, अपतटीय बाजारों की ओर धकेल देते हैं।
- आर्थिक निहितार्थ:
- रियल मनी गेमिंग सेगमेंट ने 2023 में 16,500 करोड़ रुपये उत्पन्न किए, जिसके 2028 तक 26,500 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है।
- कई प्लेटफार्मों ने अपना परिचालन स्थगित कर दिया है, जिससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से नौकरियां प्रभावित हो रही हैं।
- सरकारी वित्त पर प्रभाव पड़ा, जिसमें ऑनलाइन गेमिंग से GST राजस्व छह महीने में 412% बढ़कर 6,909 करोड़ रुपये हो गया।
- निवेश में बाधा: नीति की मनमानी प्रकृति पूंजी निवेश को बाधित कर सकती है, 2019-2023 के बीच घरेलू और विदेशी स्रोतों द्वारा 22,931 करोड़ रुपये का निवेश किया गया।
वैकल्पिक दृष्टिकोण
- नीति आयोग का 2020 का प्रस्ताव: फैंटेसी गेम्स उद्योग के लिए एक हल्के-फुल्के नियामक ढांचे का सुझाव दिया गया।
- विनियामक स्पष्टता के लिए सिफारिश: विनियामक स्पष्टता, जांच और संतुलन तथा कुशल शिकायत निवारण तंत्र की आवश्यकता पर बल दिया गया।