भारत का कॉर्पोरेट क्षेत्र और GDP संवृद्धि
भारत में मज़बूत आर्थिक संवृद्धि के बावजूद, कॉर्पोरेट क्षेत्रक की वृद्धि दर सुस्त बनी हुई है। कॉर्पोरेट राजस्व भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि से पीछे चल रहा है, खासकर गैर-बैंकिंग, वित्तीय सेवाओं और बीमा (गैर-BFSI) कंपनियों के मामले में।
कॉर्पोरेट राजस्व बनाम नामित GDP
- वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में, सूचीबद्ध गैर-BFSI कंपनियों की शुद्ध बिक्री में साल-दर-साल (YoY) केवल 5.3% की वृद्धि हुई, जबकि भारत की नामित GDP में 8.8% की वृद्धि हुई।
- वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही से भारत की नामित GDP औसतन 9.6% सालाना की दर से बढ़ी है, जबकि गैर-BFSI कंपनियों की शुद्ध बिक्री में सालाना आधार पर सिर्फ 4.5% की वृद्धि हुई है।
BFSI क्षेत्रक का प्रदर्शन
- BFSI क्षेत्रक की शुद्ध बिक्री वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में 8.4% वार्षिक की दर से बढ़ी, जो पिछले वर्ष की 16.6% वार्षिक संवृद्धि से कम है।
- इससे पहले, Q2FY23 और Q2FY25 के बीच, BFSI क्षेत्र में सालाना आधार पर औसतन 20% की वृद्धि हुई थी, जो कि सालाना आधार पर 10% की GDP वृद्धि से अधिक थी।
कॉर्पोरेट क्षेत्रक का ऐतिहासिक प्रदर्शन
- गैर-BFSI कम्पनियों को वित्त वर्ष 2013 की चौथी तिमाही के बाद से दो-तिहाई तिमाहियों में GDP संवृद्धि के बराबर पहुंचने में संघर्ष करना पड़ा है।
- वित्त वर्ष 2013 की चौथी तिमाही और वित्त वर्ष 2018 की दूसरी तिमाही के बीच गैर-BFSI कंपनियों की शुद्ध बिक्री में 3.4% की वार्षिक वृद्धि हुई, जबकि सकल घरेलू उत्पाद में 11.1% की वार्षिक वृद्धि हुई।
- वित्त वर्ष 2020 की पहली तिमाही से वित्त वर्ष 2021 की तीसरी तिमाही की अवधि में, गैर-BFSI कंपनियों में 7.7% की वार्षिक गिरावट देखी गई, जबकि GDP में 1.1% की वार्षिक वृद्धि हुई।
- कुल मिलाकर, पिछली 50 तिमाहियों में से 33 में कॉर्पोरेट क्षेत्रक का प्रदर्शन नामित GDP से पीछे रहा।
विश्लेषक अंतर्दृष्टि
- GDP संवृद्धि और कॉर्पोरेट प्रदर्शन के बीच एक स्पष्ट अंतर दिखाई दे रहा है। विश्लेषकों का कहना है कि कॉर्पोरेट राजस्व नामित और वास्तविक GDP, दोनों से पीछे रह गया है।
- उदाहरण के लिए, यद्यपि वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में मौजूदा कीमतों पर निजी खपत में 9.2% की वार्षिक वृद्धि हुई, किंतु उपभोक्ता कंपनियों ने राजस्व में केवल 5-6% की वृद्धि दर्ज की।
- सकल घरेलू उत्पाद (GDP) संवृद्धि का श्रेय लघु एवं मध्यम उद्यमों और कृषि क्षेत्रक सहित गैर-कॉर्पोरेट क्षेत्रक के मजबूत प्रदर्शन को दिया गया है।