वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद की बैठक की मुख्य बातें
वित्तीय स्थिरता एवं विकास परिषद (FSDC) की उप-समिति की 32वीं बैठक की अध्यक्षता भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने की, जिसमें अमेरिकी टैरिफ, KYC सरलीकरण और वित्तीय समावेशन के उपायों के कारण उत्पन्न आर्थिक चुनौतियों पर चर्चा की गई।
प्रमुख चर्चाएँ और फोकस क्षेत्र
- आर्थिक चुनौतियाँ: अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ का प्रभाव और इन चुनौतियों के लिए आवश्यक उपाय।
- KYC सरलीकरण: वित्तीय क्षेत्र की दक्षता बढ़ाने के लिए KYC प्रक्रिया को सरल बनाने का प्रयास।
- वित्तीय समावेशन: वित्तीय समावेशन में सुधार के उपाय और वित्तीय समावेशन के लिए राष्ट्रीय रणनीति (NSFI) 2025-30 की समीक्षा।
वित्तीय स्थिरता के प्रति प्रतिबद्धता
- उप-समिति ने समन्वित विनियामक प्रयासों के माध्यम से वित्तीय क्षेत्र में लचीलापन को मजबूत करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुनः पुष्टि की।
- उभरते जोखिमों, विशेषकर बढ़ती व्यापार अनिश्चितता और भू-राजनीतिक घर्षणों से उत्पन्न जोखिमों के प्रति सतर्कता पर बल दिया गया।
समीक्षा और मूल्यांकन
- अंतर-नियामक पहल: प्रगति की समीक्षा की गई, जिसमें एनएसएफआई 2025-30 के अंतर्गत की गई पहल भी शामिल थी।
- राज्य स्तरीय समन्वय समितियां (SLCC): राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कार्य-प्रणाली का मूल्यांकन किया गया।